आरयू संवाददाता,
पीजीआइ। निगोहा इलाके में बीती रात खड़ी ट्रैक्टर ट्राली में तेज रफ्तार बुलेट (बाइक) के टकरा जाने से दो दोस्तों की दर्दनाक मौत हो गयी। हादसे के समय वैवाहिक समारोह से लौट रहे दोनों युवकों ने हेलमेट नहीं लगाया था। युवकों के सिर में चोट देख अनुमान लगाया जा रहा था कि अगर उन्होंने हेलमेट लगाया होता तो जान बच सकती थी।
घटना का एक दुखद पहलू ये भी रहा कि हादसे में जान गंवाने वाले एक युवक की मात्र दो माह पहले ही शादी हुई थी। हादसे का पता चलते हुए युवकों के घरों में कोहराम मच गया। दूसरी ओर सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ईंट लदी ट्रैक्टर को अपने कब्जे में लेने के बाद चालक का पता लगा रही है।
बताया जा रहा है कि पीजीआइ के गांधीनगर (तेलीबाग) निवासी दयाराम चौधरी का बेटा सत्यशील चौधरी (30) घर के पास में ही रहने वाले अपने जिगरी दोस्त संदीप पाल (29) के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए अपनी बुलेट से रायबरेली जिले के ब्रहमान खेड़ा बछरावा गया था।
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देर रात वहां से लौटते समय निगोहा के मदाखेड़ा पेट्रोल पंप के पास ईंट लादकर खड़ी एक ट्रैक्टर ट्राली से बुलेट की भिड़त हो गयी। बिना हेलमेट के बाइक चलाने के दौरान हुए इस हादसे में सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में चोट लगने की वजह से दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची निगोहा पुलिस ने घायलों को कुछ दूरी पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने सत्यशील चौधरी को मृत घोषित करने के साथ ही संदीप को ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया, लेकिन ट्रामा सेंटर पहुंचने तक संदीप की भी सांसें थम गयी।
एसओ निगोहा जगदीश पांडेय ने बताया कि पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही सत्यशील के बड़े भाई आदित्यशील की तहरीर पर ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसकी तलाश की जा रही है।
दो माह पहले हुई शादी में मिली थी बुलेट
सत्यशील की करीब दो महीना पहले 22 नवंबर को सोनम से शादी हुई थी। जिस बुलेट से दुर्घटना हुई वो भी उसे शादी में ही मिली थी। पति की मौत की खबर सुनते ही नवविवाहिता सोनम बदहवास हो गई, रिश्तेदार व पड़ोसी किसी तरह से उसे संभालते रहें। वही बरेली आदर्श जेल कारागार से रिटायर पिता दयाराम चौधरी और मां समेत अन्य परिजन भी बिलख-बिलख कर रोते रहे।
वही साथी संदीप पाल अपने पीछे पत्नी पूजा पाल के अलावा मासूम बेटी अनन्या और सुप्रिया को छोड़ गया। पति की मौत की खबर से पूजा समेत घर के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल थी। उन्हें संभालने वाले खुद भी अपने आंसू नहीं रो पा रहे थे।
ऐसी दोस्ती की आखिरी सांस तक निभाया साथ, एक साथ उठी अर्थी तो रो पड़ा हर कोई
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि सत्यशील और संदीप में बचपन से ही गहरी दोस्ती थी। दोनों ने एक साथ शिक्षा ग्रहण की थी और अब तक एक साथ ही रहते थे। सत्यशील और संदीप तेलीबाग बाजार मे प्राइवेट नौकरी करते थे, सत्यशील जहां खादिम शूज स्टोर में, जबकि संदीप उसके पास ही स्थित वी मार्ट मे नौकरी कर रहा था। दोनों सुबह-शाम घर साथ ही आते-जाते थे। इसके अलावा स्वभाव से दोनों मिलनसार और व्यवहार कुशल भी थे, जिसकी वजह से दोनों की हर कोई हमेशा सराहना करता था। बचपन से दोनों की दोस्ती देखने वाले लोगों ने आज उनकी एक साथ अर्थी उठते देखा तो पूरा मोहल्ले रोने-कलपने की आवाज से गूंज उठा।