आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बीते 20 जनवरी को नाका इलाके में स्थित एक मकान में हुई प्लाईवुड व्यापारी की पत्नी वीना मेहरोत्रा के सनसनीखेज हत्या का आज पुलिस ने खुलासा कर दिया। चाकू से गोदकर वीना की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उनके पति की दुकान पर काम करने वाले लक्ष्मीकांत गोस्वामी ने 25 लाख रुपए हासिल करने के लिए की थी। लक्ष्मीकांत के पिता गोसाईगंज जेल में बंदीरक्षक के पद पर तैनात है। नाका पुलिस ने रुपए की लालच में भरोसे का कत्ल करने वाले कर्मचारी को गिरफ्तार करते हुए राहत की सांस ली है।
प्रेसवार्ता कर एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि बाराबंकी जिले के साईंपुरम निवासी लक्ष्मीकांत गोस्वामी करीब साढ़े चार साल से वीना के पति राजेंद्र मेहरोत्रा की राजेंद्रनगर स्थित प्लाईवुड व अन्य सामानों की दुकान पर कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी कर रहा था। घटना से कुछ दिन पहले लक्ष्मीकांत को भनक लग गयी कि राजीव को बीसी से 25 लाख रुपए मिले हैं, जिसे उन्होंने अपने घर में रखा है। उसके बाद से ही लक्ष्मीकांत उन पैसों को हासिल करने में लग गया।
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20 जनवरी को वह सुबह ही मौके पाकर राजीव के घर में घुसकर नीचे के फ्लोर पर छिप गया। पति के दुकान जाने के बाद वह सीढ़ी चढ़ रहा था कि उसका सामना वीना से हो गया। बहस व मारपीट के बाद उसने किचन में रखे चाकू से वीना के गर्दन पर ताबड़तोड़ वार करने के साथ ही जिंदा बचने की गुंजाईश न रहे इसके लिए उनके कलाई की नस भी काट दी।
उसके बाद बॉथरूम में हाथ धोने के साथ ही किचन के पास वाला कमरे में गया और 25 लाख रुपए तलाशने लगा, सफलता नहीं मिलने पर उपर के तल पर कमरे में गया। जहां आलमारी में लॉकर की भी चाभी लगी थी, लॉकर खोलने के बाद उसमें रखे कुछ नकदी और गहने लेकर नीचे आया और एक झोले में रखकर उसे मोढ़े में छिपा दिया। वह दोबार 25 लाख रुपए की तलाश कर ही रहा था कि बाहर से किसी के दरवाजा पीटने की आवाज आने लगी। पकड़ें जाने के डर से वह नकदी व गहने घर में ही छोड़कर छत के रास्ते से भाग निकला।
बताते चलें कि 20 जनवरी को प्लाईवुड व्यापारी राजीव मेहरोत्रा की पत्नी वीना की घर में चाकू से गोदकर हत्या कर दी गयी थी। वीना सीडीआरआई में लैब टेक्नीशियन के पद पर भी तैनात थी। उनकी लाश रक्तरंजित हालत में किचन में मिली थी।
हत्या के बाद पति ने पांच लाख रुपए नकद व लाखों रुपए मूल्य के गहने घर से लूटे जाने की बात मीडिया से कही थी, हालांकि बाद में गहने व नकदी घर के मोढ़े में ही मिल गए थे। वहीं घटना के बाद से ही परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर अंदाजा लगाया जा रहा था कि हत्या किसी करीबी ने ही की है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नाका पुलिस वीना व राजीव के तमाम परिचितों और रिश्तेदारों की कुंडली खंगाल रही थी। इसी क्रम में पुलिस ने साक्ष्य जुटाते हुए कर्मचारी लक्ष्मीकांत को हिरासत में लेते हुए पूछताछ की तो उसने सारी कहानी बयान कर दी।
घटना के खुलासा में इनका रहा अहम योग्दान
एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी व सीओ कैसरबाग के निर्देशन के अलावा इंस्पेक्टर नाका परशुराम सिंह, एसएसआइ नाका अशरफुल एन सिद्दीकी, एसआइ चन्द्रमोहन सिंह, भानु प्रताप सिंह व वैभव कुमार सिंह आदि ने चुनौती बने केस का सुलझाने और कर्मचारी की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।