आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी की समस्या को लेकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर मंगलवार को हमला बोला है। आज अपने एक बयान में अखिलेश ने मीडिया से कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को यूपी की बदहाली दिखती नहीं, वे अपने ही सपनों में खोए रहते हैं। प्रदेश की राजधानी में एक हफ्ते में आठ हत्याएं हो गईं। बेखौफ हत्यारें पुलिस थाने व चौकी के आसपास भी फायरिंग कर फरार हो रहें हैं, जबकि पुलिसिंग के सभी दावे हवाई साबित हुए हैं।
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वहीं सपा अध्यक्ष ने बेरोजागरी और 69 हजार शिक्षक भर्ती का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार बड़े पैमाने पर नौकरियां देने के वादे करती है, पर जमीन पर उसका एक भी वादा नहीं दिखता है। सरकार युवाओं को झूठे दिलासा देने के लिए भर्तियां तो निकालती है पर भर्तियां होती नहीं है। प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती भी काफी समय से अटकी है, नौजवान इधर-उधर भटक रहे हैं।
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हमला जारी रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समिट मीट, निवेशक सम्मेलन में घोषणाएं होती है कि बड़ी संख्या में युवा नौकरी पाएंगे पर अब तक कोई नया उद्योग तो कहीं लगा नहीं है। उर्दू टीचरों की भर्ती भी खत्म कर दी गई है। कभी पेपर लीक तो कभी किसी संबंधित पार्टी के कोर्ट में चले जाने के बहाने की ओट से भाजपा सरकार अपनी नाकामी छुपाती है। इस सबका फायदा उठाकर कुछ निहित स्वार्थी तत्व नौजवानों को नौकरी दिलाने के नाम पर लूटने का धंधा करने लगे है। इसमें तो कुछ मंत्रियों के स्टाफ के लोग भी संलिप्त पाए गए थे।
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अखिलेश ने आगे कहा कि हालत यह है कि भाजपा कोरे वादों के सहारे अपनी कागज की सरकार चला रही है। ढाई साल बीत गए वह अपनी एक योजना जमीन पर नहीं उतार सकी हैं। साथ ही योगी सरकार की घोर लापरवाही से 108 और 102 सेवा के चालक हड़ताल पर चले गए थे। संविदाकर्मी अस्पतालों में हड़ताल पर चले जाते है। अधिकारी तब चेते जब चार मरीजों की जाने चली गई। इससे पहले भी चिकित्सा सेवाओं में हड़ताल, मारपीट के चलते कितने ही मरीजों की जानों पर बन आइ, लेकिन अधिकारी-प्रशासक मूकदर्शक बने रहे।