69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित-अनारिक्षत वर्ग के अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन, रखी ये मांगें

69000 शिक्षक भर्ती
प्रदर्शन कर अपनी मांग उठाते शिक्षक।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट के फैसले के बाद जहां एक तरफ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी नई सूची जारी करने की मांग को लेकर बेसिक शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठ गए हैं तो दूसरी तरफ अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने नौकरी जाने के डर से धरना देना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि उनको योग्यता पर नौकरी मिली है किसी की खैरात पर नहीं। बेसिक शिक्षा निदेशालय में यह दोनों गुट धरना दे रहे हैं।

अनारक्षित के साथ आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भी आज धरना देना शुरू कर दिया। धरना स्थल से न्याय दो, न्याय दो, वी वांट जस्टिस, वी वांट जस्टिस के नारों से परिसर गूंजरा रहा। अभ्यर्थियों ने सभी वर्ग के लगभग 6000 से अधिक कार्यरत शिक्षकों के द्वारा चयन सूर्ची 6786746696 के कार्यरत शिक्षकों को सुरक्षित किए जाने के लिए शिक्षा- निदेशालय निशातगंज पर प्रदर्शन किया।

शिक्षकों ने रखी ये तीन मांगें-

धरने में शामिल शिक्षकों द्वारा मुख्य रूप से तीन मांगें अधिकारियों के सामने आज रखी है। प्रदर्शन का नेतृत्‍व कर रहे शिक्षक सर्वेश प्रताप सिंह ने बताया कि उन लोगों की मांग है कि कार्यरत शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए योगी सरकार अपनी नीति स्पष्ट करे। साथ ही 69000 शिक्षक भर्ती के किसी भी कार्यरत शिक्षक की सेवा समाप्त न की जाए। इसके अलावा उत्‍तर प्रदेश सरकार इस प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय से निर्देशन प्राप्त करके ही आगे की प्रक्रिया प्रारम्भ करे।

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बता दें कि निशातगंज स्थित बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर मंगलवार से 69 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना जारी है। अभ्यर्थी अपनी मांगों के समर्थन में देर रात तक धरने पर बैठै रहे। बारिश व अन्य समस्याओं को देखते हुए पुलिस ने सख्ती की। बस से सभी को बादशाह नगर स्टेशन पहुंचाया, जहां अभ्यर्थी रात भर रहे। वहीं सुबह फिर से अभ्यर्थी धरना स्थल पर पहुंच गए। अभ्यर्थियों की मांग है कि उन्हें शांतिपूर्ण धरना करने दिया जाए, हालांकि देर शाम अभ्यर्थियों ने शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा से मुलाकात की।

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उन्होंने शासन के निर्देशानुसार समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने का आश्वासन दिया है। अभ्यर्थियों ने कहा कि हाई कोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है केवल एक मीटिंग की है। हमारी मांग है कि चयन संबंधित प्रक्रिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी करें।

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