आरयू वेब टीम। धर्मशाला स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मुख्य गेट पर खालिस्तानी झंडे लगाने का सनसनीखेज मामला रविवार को सामने आया है। किसी ने विधानसभा की सुरक्षा को घता बताते हुए बीती रात या फिर आज तड़के गेट के साथ ही पास की दीवारों पर भी झंडे लगाए थे।
स्थानीय लोगों से सुबह घटना की जानकारी होने पर सरकारी अमले में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने आनन-फानन में झंडों को हटवा दिया है। वहीं विपक्ष भी प्रदेश की बीजेपी सरकार पर इस मामले को लेकर निशाना साध रहा है।
वहीं कांगड़ा के एसपी कुशल शर्मा ने कहा है कि यह घटना देर रात या बड़े सवेरे घटी है। पुलिस ने फौरन विधानसभा गेट से खालिस्तानी झंडे हटवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा माना जा रहा है कि यह किसी पंजाब से आए यात्री की हरकत हो सकती है। हम आज इस घटना के सिलसिले में केस दर्ज कर रहे हैं।
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बताते चलें कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) संगठन के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मार्च में ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को खत लिखते हुए खालिस्तानी झंडे लगाने की धमकी दी थी। पन्नू ने खत में धमकी देते हुए कहा था कि वह शिमला में जरनैल सिंह भिंडरावाले और खालिस्तान का झंडा फहराएगा। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो सका है कि अखिर झंडे किसने लगवाए थे।
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बताया यह भी जा रहा है कि हिमाचल में भिंडरावाले और खालिस्तान समर्थित झंडों पर बैन की वजह से पन्नू भड़का हुआ है। दरअसल पंजाब का पड़ोसी राज्य होने की वजह से भी हिमाचल में खुफिया एजेंसियां अलर्ट हैं। पंजाब और हरियाणा में आतंकी मॉड्यूल के पकड़े जाने से भी चौकसी बढ़ी हुई है। हाल ही में करनाल में बब्बर खालसा के चार संदिग्ध आतंकी पकड़े गए थे। उनके पास से हथियारों का जखीरा जब्त हुआ था।