आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार ने फैसला लिया है कि कोई भी कंपनी महिलाओं से देर रात में ऑफिस में काम नहीं करवा सकती। सरकार ने ये नियम सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर पर लागू करने के आदेश दिए हैं कि अगर किसी कारणवश महिला की ड्यूटी रात में लगती है तो इसके लिए अनुमति लेनी होगी।
सरकार के आदेश में कहा गया है कि अगर बिन अनुमति के महिला की नौकरी शाम सात बजे से अगली सुबह छह बजे के बीच लगाई गई तो कार्रवाई निश्चित है। इसके अलावा महिला ने अगर सात बजे के बाद काम करने से मना किया तो कंपनी को उसे निकालने का कोई अधिकार नहीं है।
योगी सरकार के इस नए फैसले की बाबत अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चंद्रा ने बताया, “लिखित सहमति के बाद महिला शाम सात से सुबह छह बजे तक काम करती सकती है, लेकिन कंपनी को उसे ऑफिस से घर और घर से ऑफिस तक के लिए मुफ्त कैब की सुविधा देनी होगी। कंपनी ने यदि ऐसा नहीं किया तो ये श्रम कानून के उल्लंघन के तौर पर देखा जाएगा और सजा के तौर पर जुर्माने से लेकर जेल तक हो सकती है।”
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार की ओर से इसस आदेश को प्रदेश के हर जिले में सख्ती से लागू कराने के आदेश दिए गए हैं। अधिकतर महिलाएं कॉल सेंटर, होटल इंडस्ट्री और रेस्टोरेंट आदि में शाम को या देर रात तक काम करती हैं। अगर अब कोई महिला कर्मी शाम सात बजे के बाद काम करने से मना करे तो उसे जबरन रोका नहीं जा सकता वरना कार्रवाई के तौर पर संस्थान का लाइसेंस कैंसिल हो सकता है।
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इसके अलावा नए आदेश में जो महिला कर्मचारियों को सुविधा देने की मांग है वो ये कि संस्थान को उन्हें खाना उपलब्ध कराना होगा। उनके लिए शौचालय की व्यवस्था अनिवार्य है। महिला रात में तभी काम करेगी जब उस समय कम से कम अन्य चार महिलाएं भी स्टाफ की ड्यूटी पर हों। सरकार ने फैसला लिया है कि वर्किंग प्लेस पर महिला का उत्पीड़न रोकने के लिए कमेटी का गठन अनिवार्य होगा।