आरयू ब्यूरो, लखनऊ। फ्री होल्ड, नामांतरण व रिफंड समेत जनहित गारंटी अधिनियम से जुड़े अन्य मामलों में लापरवाही बरतना अब एलडीए के अफसर-कर्मियों को भारी पड़ेगी। ऐसे लापरवाह व जनता को परेशान करने वाले अपने अधिकारी-कर्मचारियों से एलडीए जुर्माना वसूलेगा। एलडीए उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने इस बारे में अधिकारियों को चेतावनी के साथ ही एक हफ्ते का समय दिया है। सात दिन में लटके मामलों का निस्तारण नहीं करने पर वीसी उनपर अर्थदंड लगाएंगे।
आज वीसी ने जनहित गारंटी अधिनियम से जुड़े मामलों के निस्तारण की तीसरी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि सभी लंबित प्रकरणों को एक हफ्ते में निपटाएं नहीं तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ जनहित गारंटी अधिनियम के अंतर्गत 250 रूपये से लेकर पांच हजार रूपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा, जिसकी वसूली संबंधित के वेतन से की जाएगी।
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समय सीमा समाप्त होने के बाद भी लटके मामले
आज बैठक में यह भी पाया गया कि नामांतरण के 73 और फ्री-होल्ड के 57 मामले और निस्तारित हो गए हैं, लेकिन, इसके बाद भी कुछ पुराने प्रकरणों का निस्तारण न होने पर उपाध्यक्ष नाराज हो गए और उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जो प्रकरण जनहित गारंटी अधिनियम की निर्धारित समय सीमा समाप्त हो जाने के पश्चात भी लंबित हैं, उन्हें हर हाल में एक सप्ताह के अंदर निस्तारित किया जाए।
विधिक या अन्य कोई अड़चन हो तो…
उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकरण में विधिक या अन्य कोई अड़चन हो तो उसका स्पष्ट कारण प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर अगली समीक्षा बैठक में अनावश्यक रूप से कोई प्रकरण लंबित पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी पर जुर्माना लगाया जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि इंद्रमणि त्रिपाठी ने वीसी का चार्ज संभालने के साथ ही 28 जून को जनहित गारंटी अधिनियम से जुड़े लंबित प्रकरणों की पहली समीक्षा बैठक की थी। इसमें समस्त अनुभागों में फ्री-होल्ड, नामांतरण और रिफंड आदि के प्रकरण बड़ी संख्या में लंबित पाये गए थे। इस पर उपाध्यक्ष ने सख्त रवैया अपनाते हुए लटके मामलों को जल्द से जल्द निस्तारित कराने के निर्देश दिये थे। जिसकी चार दिन के अंदर ही अफसरों ने 193 मामलों का निस्तारण भी कर दिया था।
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बैठक में सचिव पवन कुमार गंगवार ने आइजीआरएस से संबंधित प्रकरणों को सही जानकारी के साथ समयबद्ध तरीके से निस्तारित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अगर कोई मामला उनके विभाग से जुड़ा नहीं है तो प्रकरण को संबंधित विभाग को प्रेषित करके आख्या पूरी कराकर अपलोड कराएं।
बैठक में अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहें।