मोहान रोड योजना के प्‍लॉटों के लिए LDA खोलेगा रजि‍स्‍ट्रेशन, सेना के पूर्व अधिकारी रोकेंगे अवैध निर्माण, बोर्ड बैठक में इन प्रस्‍तावों को भी हरि झंडी

मोहान रोड योजना डीपीआर
बोर्ड बैठक करते अधिकारी।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अपनी मोहान रोड योजना में  प्‍लॉट व दुकानों के लिए जल्द ही लखनऊ विकास प्राधिकरण रजि‍स्‍ट्रेशन खुलेगा। एलडीए अध्यक्ष/मण्डलायुक्‍त रोशन जैकब की अध्यक्षता में बुधवार को हुई प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में मोहान रोड योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को हरी झंडी  दी गयी। इसके साथ ही एलडीए व उसके अफसरों की सबसे अधिक बदनामी कराने वाली अवैध निर्माण की समस्‍या से निपटने के लिए अब सेना के पूर्व अफसरों से सहायता लेने समेत कई अन्‍य बिन्‍दुओं पर भी मंजूरी बनी है।

आज बैठक में एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने मोहान रोड योजना के ले-आउट प्लान का प्रस्तुतिकरण किया। इसके अंतर्गत ग्राम प्यारेपुर और कलियाखेड़ा की कुल 785.026 एकड़ अर्जित जमीन पर चंडीगढ़ (पंचकुला) की तर्ज पर आवासीय योजना विकसित की जाएगी। इसमें 111.12 एकड़ में एकल भूखण्ड, 159.52 एकड़ में ग्रुप हाउसिंग, 39.22 एकड़ में व्यवसायिक, 48.13 एकड़ में सामुदायिक केंद्र, 183.24 एकड़ में सड़कें व 9.28 एकड़ में ट्रांजिट स्पेस एरिया विकसित किया जाएगा। एजुकेशन सिटी के रूप में विकसित की जाने वाली इस योजना में 73.95 एकड़ जमीन शिक्षण संस्थान के लिए आरक्षित की जाएगी, जबकि 159.85 एकड़ जमीन ग्रीन बेल्ट की होगी।

42 एकड़ का सेंट्रल पार्क, 45 हजार वर्ग मीटर में तालाब

इसके साथ ही ग्रिड पैटर्न पर विकसित की जाने वाली इस योजना को आठ सेक्टरों में बांटा गया है। हर सेक्टर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सेक्टोरल शॉपिंग सेंटर व वेंडर के लिए प्राविधान होगा। योजना के बीच में 42 एकड़ का सेंट्रल पार्क बनाया जाएगा, साथ ही साथ लगभग 45000 वर्ग मीटर एरिया में तालाब विकसित किया जाएगा।

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मोहान रोड योजना के सभी बड़े चौराहों पर रोटरी विकसित की जाएगी, जिसमें बायीं ओर मुड़ने वाले ट्रैफिक को फ्री-पास दिया जाएगा। योजना में 112.50 वर्गमीटर से 450 वर्गमीटर तक के कुल 2485 प्‍लॉट काटे जाएंगे।

रिटायर सैन्य अधिकारियों के कमान में प्रवर्तन दल की स्थापना

वहीं अवैध निर्माण पर लगाम कसने के लिए प्रवर्तन दल की स्थापना के प्रस्ताव को भी हरि झंडी दी गयी है। प्रवर्तन दल की कमान सेना से रिटायर कर्नल व लेफ्टिनेंट कर्नल स्तर के अधिकारी के हाथों में होगी। इसमें रिटायर जे.सी.ओ (सुपरवाइजर) रैंक के तीन अधिकारी टीम लीडर व रिटायर एन.सी.ओ/ओ.आर. रैंक के 12 अधिकारी भी स्क्वायड कमांडर के रूप में तैनात होंगे। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्रवर्तन दल अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के साथ ही भूमि अर्जन जैसी कार्यवाही में भी अहम भूमिका निभाएगा।

फायर सेफ्टी की तरह बहुमंजिली बिल्डिंगों का स्ट्रक्चरल ऑडिट

वहीं उपाध्यक्ष ने लखनऊ विकास क्षेत्र में स्थित बहुमंजिली इमारतों में फायर सेफ्टी की तरह स्ट्रक्चरल सेफ्टी सुनिश्चित कराने के संबंध में प्रस्ताव रखा, जिसे बोर्ड ने हरि झंडी दे दी। इसके अंतर्गत अब 15 मीटर या उससे अधिक ऊंची इमारतों में स्ट्रक्चरल ऑडिट कराना जरूरी होगा। ऑडिट के निरीक्षण के लिए प्राधिकरण थर्ड पार्टी एजेंसी का पैनल गठित करेगा, जो बहुमंजिला भवनों के निर्माण के दौरान निर्माण की गुणवत्ता की जांच करेगा।

बनाते समय बतानी होगी बिल्डिंग की प्रस्तावित उम्र

इसके साथ ही किसी भी योजना का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी होने के बाद पांच साल तक स्ट्रक्चरल ऑडिट का जिम्मा बिल्डर का ही होगा। इसके अ‍लावा अब बहुमंजिला बिल्डिंगों का नक्‍शा पास कराते समय बिल्डर को बिल्डिंग की प्रस्तावित उम्र भी बतानी होगी।

अब “पहले आओ-पहले पाओ“ में बिकेंगे 912 फ्लैट 

उपाध्यक्ष ने बैठक में कहा कि कानपुर रोड योजना के श्रवण अपार्टमेंट, ऐशबाग हाईट्स व समाजवादी लोहिया इन्क्लेव के 912 खाली फ्लैटों को एकमुश्त विक्रय के लिए बल्कसेल अनुभाग को पूर्व में हस्तगत किया गया था। इन योजनाओं में फ्लैट खरीदने के इच्छुक लोग बल्क सेल की बाध्यता के कारण यहां सम्पत्ति नहीं खरीद पा रहें। इसे ध्यान में रखते हुए इन 912 फ्लैटों को अपार्टमेंट अनुभाग के सुपुर्द करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बोर्ड द्वारा इस प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया। अब यह फ्लैट प्राधिकरण की पहले आओ-पहले पाओ योजना के तहत बिक्री के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।

पार्कों की पार्किंग में खुलेंगे चार्जिंग स्टेशन

बैठक में सार्वजनिक स्थलों पर वाहनों के चार्जिंग का प्रस्ताव पास किया गया। इसके अंतर्गत जनेश्‍वर मिश्र पार्क, राम मनोहर लोहिया पार्क, जोनल पार्क समेत प्राधिकरण की योजनाओं में स्थित सार्वजनिक पार्किंग स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन विकसित किये जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गयी। अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि यह कार्य निजी कंपनियों द्वारा रेवेन्यू शेयरिंग मोड पर किया जाएगा।

दो हजार वर्ग मीटर के प्‍लॉट पर मिश्रित उपयोग को मंजूरी

एक अन्‍य पास प्रस्‍ताव के तहत अब विभूति खण्ड की तर्ज पर 2000 वर्ग मीटर यह उससे बड़े कॉमर्शियल प्‍लॉट पर मिश्रित उपयोग किया जा सकेगा। इसमें भू-तल पर व्यवसायिक निर्माण की अनिवार्यता के साथ बाकी के तलों पर व्यवसायिक, कार्यालय व आवासीय इस्‍तेमाल की छूट रहेगी। वीसी के अनुसार इस फैसल से प्राधिकरण के करोड़ों रूपये कीमत के रिक्‍त व्यवसायिक प्‍लॉटों को खरीदने के प्रति निवेशकों का रूझान बढ़ेगा।

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इसके अलावा जानकीपुरम योजना के सेक्टर-एफ में स्थित भू-खण्ड संख्या-सीपी-01 (क्षेत्रफल-1040 वर्ग मीटर) व कानपुर रोड योजना के सेक्टर-ओ स्थित भू-खण्ड संख्या- सीपी-04 (क्षेत्रफल-3515.60 वर्गमीटर) को नर्सिंग होम तथा तालकटोरा रोड, इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित भू-खण्ड संख्या-148ए को औद्योगिक से आवासीय भू-उपयोग में परिवर्तित करने के प्रस्ताव पर भी मंजरी दी गयी।

वहीं, कबीर नगर देवपुर पारा आवासीय योजना के रेरा पंजीयन की वैधता समाप्त हो जाने के कारण ईडब्ल्यूएस के 1478, एलआइजी के 395 व एमएमआइजी के 185 भवनों के आवंटियों को ब्याज सहित धनराशि वापस करने का प्रस्ताव बोर्ड ने पास किया है।

विकास शुल्क की दरों में बढ़ोत्तरी

इस क्रम में उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (विकास शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) (प्रथम संशोधन) नियमावली 2021 के प्राविधानों के क्रम में विकास शुल्क दर को 2040.00 रूपये प्रति वर्गमीटर से बढ़ाकर 2245.00 रूपये प्रति वर्गमीटर करने के प्रस्ताव को बोर्ड ने हरी झंडी दी गयी।

टीओडी जोन्स का जोनल प्लान बनाने की एजेंसी नामित

यूपी ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट नीति, 2022 के क्रियान्वयन के लिए अमृत योजना के अंतर्गत तैयार की जा रही जीआइएस आधारित महायोजना में टीओडी जोन्स का जोनल डेवलपमेंट प्लान तैयार कराने के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग यूपी को एजेंसी के रूप में नामित किये जाने का प्रस्ताव बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया।

अब छूट के साथ प्‍लॉट का फ्लैट में होगा समायोजन

वहीं विवाद की वजह से प्‍लॉट के लिए भटक रहे आवंटियों के लिए भी बोर्ड ने एक प्रस्‍ताव पास किया है। इन आवंटियों को भू-खण्ड की जगह छूट के साथ फ्लैट मिल सकेगा। उपाध्यक्ष ने कहा कि संशोधित नीति के तहत आवंटी ‘पहले आओ-पहले पाओ’ योजना में उपलब्ध फ्लैटों में से अपना मनपसंद फ्लैट चुन सकेंगे। इसमें उन्हें फ्लैट की निर्धारित कुल धनराशि में लगभग 45 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी, साथ ही समायोजन के बाद शेष धनराशि जमा करने के लिए 90 दिन का समय दिया जाएगा।

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बैठक में एलडीए अध्‍यक्ष व उपाध्‍यक्ष के अलावा अपर निदेशक कोषागार व पेंशन अमर सिंह, एडीएम वित्‍त व राजस्व हिमांशु कुमार गुप्ता, एलडीए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, वित्‍त नियंत्रक दीपक सिंह, मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी व नगर नियोजक के.के. गौतम, नगर निगम चीफ इंजीनियर महेश वर्मा, एसई आवास विकास परिषद कमलेश प्रसाद त्रिपाठी, संयुक्‍त आयुक्‍त उद्योग कंचन सुबोध, उपनिदेशक पर्यटन कल्याण सिंह, अधिशासी अभियंता जल निगम पीयूष मौर्या, बोर्ड सदस्य पुष्कर शुक्ला समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहें।