आरयू ब्यूरो, लखनऊ। तापमान के कमी के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी हवा के हालात बहुत खराब। इसकी वजह सिर्फ दिवाली नहीं है, बल्कि जर्जर सड़कों से उड़़ती धूल, मानकों के विपरीत तेजी से हो रहे निर्माण समेत अन्य वजह से भी वायु प्रदूषण फैल रहा।
उत्तर प्रदेश के चार जिलों की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। बुधवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर और आगरा की हवा सबसे ज्यादा प्रभावित रही।
नोएडा में एक्यूआइ 397 तक पहुंच गया है, इसके अलावा कानपुर में 272, ग्रेटर नोएडा में 364, गाजियाबाद में एक्यूआई 359 और आगरा में 245 दर्ज किया गया है। वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ भी पीछे नहीं है। हालांकि लखनऊ की हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार दर्ज किया गया। बुधवार को लखनऊ का एक्यूआई 239 दर्ज किया गया है।
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इन जिलों के अलावा मेरठ में 192, बरेली में 149, गोरखपुर में 174, मुरादाबाद में 182, प्रयागराज में 185, वाराणसी में 124 एक्यूआई दर्ज किया गया है। इन शहरों की हवा भी बहुत अच्छी नहीं है। गौरतलब हो की एक्यूआई में हर रोज सभी शहरों में उतार-चढ़ाव दर्ज किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों का अनुमान है कि तापमान में गिरावट के साथ हवा में प्रदूषकों की उपस्थिति कम होगी। हालांकि, उन्होंने एक्यूआई रीडिंग में वृद्धि के लिए कई स्थानों पर खराब सड़कों और निरंतर विकास को जिम्मेदार ठहराया। पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) की उपस्थिति ‘जो हवा में छोटे कण या बूंदें हैं’ एक्यूआई के स्तर को बढ़ाते हैं। इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि वायु प्रदूषण के प्रबंधन के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों के नेतृत्व में कई टीमों का गठन किया गया है। ये टीम निर्माण स्थलों और प्रदूषण के अन्य स्रोतों की जांच करेगी।