आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हिंदूवादी संगठनों व भाजपा नेताओं द्वारा भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग को बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक छलावा बताया है। यूपी की पूर्व सीएम के अनुसार चुनाव से पहले भाजपा नेताओं का हिंदू राष्ट्र के बयान बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई की भीषण समस्याओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए किया जाने वाला एक छल है।
शुक्रवार को इस बारे में मायावती ने ट्विट करते हुए कहा कि देश के अति-मानवतावादी संविधान पर गर्व व उस पर निष्ठापूर्वक अमल करके जनकल्याण करने की जगह भाजपा द्वारा यूपी निकाय चुनाव से पूर्व इसके हिंदू राष्ट्र संबंधी बयान बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की भीषण समस्याओं व सरकारी विफलताओं से लोगों का ध्यान बांटने का छलावा मात्र है।
घोर स्वार्थ की राजनीति शोभा नहीं देती
साथ ही बसपा सुप्रीमो ने योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि संविधान की शपथ लेकर उच्च संवैधानिक पद पर बैठने वाले लोगों को ऐसी घोर स्वार्थ की राजनीति शोभा नहीं देती। जो सरकार संविधान के मान-मर्यादा की परवाह न करके अपने शपथ का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन करे उस राज में जनहित व जनसंतोष कैसे संभव? चुनावी स्वार्थ की अति राजनीति घातक है।
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कमियां दूर करने के लिए बसपा नेताओं को दिए निर्देश
वहीं आज मायावती ने यह भी कहा है कि यूपी में बीएसपी को हर स्तर पर मजबूत करने तथा पार्टी के जनाधार को शहर-शहर व गांव-गांव में बढ़ाने के साथ ही यहां स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी के लिए पिछले कई दिनों से हो रही मंडलों की समीक्षा बैठकों में कमियों को दूर करने के लिए बसपा नेता व कार्यकर्ताओं को जरूरी निर्देश भी दिए हैं।