आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अवैध निर्माण के नाम वसूली करने को लेकर आए दिन चर्चा में रहने वाले एलडीए में शुक्रवार एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने आज एक ऐसे कर्मी को निलंबित किया है, जो करीब एक साल पहले ही प्रवर्तन से हटाकर चीफ इंजीनियर कार्यालय में तैनात किए जाने के बाद भी अवैध निर्माण के नाम पर लगातार जनता से वसूली कर रहा था। कुछ महीना पहले पकड़े जाने के बाद अधिकारियों ने उसे सुधरने की चेतावनी भी थी, लेकिन सुधरना तो दूर मनबढ़ कर्मी ने अधिकारियों की चेतावनी को हवा में उड़ाते हुए एलडीए को ही एक मामले में लीगल नोटिस दे डाली थी।
एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि प्राधिकरण में सुरक्षा गार्ड के पद पर तैनात अरूण कुमार साह ने पिछले साल जून में मुकेश कुमार भारती के खिलाफ लिखित शिकायत की थी। इसमें अरूण कुमार साह ने आरोप लगाया था कि मुकेश भारती ने अर्जुनगंज के ग्रीन सिटी स्थित उनके घर जाकर पत्नी से मकान का नक्शा दिखाने को कहा और धमकाते हुए अलग से मुलाकात करने की बात कही थी। उक्त प्रकरण की जांच में मुकेश कुमार भारती द्वारा अधिकारियों के सामने अपनी गलती स्वीकार करते हुए क्षमा याचना की गयी थी।
इसके अलावा गुरू गोविंद सिंह वार्ड के पार्षद श्रवण नायक ने भी पिछले ही साल सितंबर में मुकेश भारती के खिलाफ शिकायत की थी कि मुकेश ने जेल रोड स्थित आनन्द नगर निवासी उनके परिचित के घर जाकर 60 साल पुराने मकान का नक्शा दिखाने को कहा और धमकी देकर पांच हजार रूपये वसूल लिये।
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दो मामलों में शिकायत होने पर भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से कर्मी का मन बढ़ता चला गया और उसने अधिकारियों की लापरवाही का फायदा उठाते हुए अपना वसूली अभियान जारी रखा। कुछ दिन पहले बीती 21 फरवरी को एक अन्य शिकायकर्ता हेमन्त कुमार गुप्ता ने भी मुकेश पर निर्माण पर कार्रवाई के नाम पर 60 हजार रुपए वसूली करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। इतना ही नहीं कहा यह भी जा रहा है कि मुकेश एलडीए कर्मी के परिचितों के यहां से भी वसूली करता रहता था, कुछ दिन पूर्व एलडीए के साफ छवि के एक जोनल अधिकारी के नाम पर भी उसने 70 हजार रुपए वसूले थे।
वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि लगातार यह भी शिकायत मिल रही थी कि मुकेश भारती अधिकारियों के नाम पर एलडीए की योजनाओं के आवंटियों से भी वसूली में लिप्त है। मुकेश की वजह से एलडीए की छवि बहुत धूमिल हुई है। इसलिए उसे निलंबित करते हुए विधि अनुभाग से संबंद्ध किया गया है। इस मामले की विस्तृत जांच उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह को सौंपी गयी है।
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वहीं यह भी सामने आया है कि वसूली की शिकायत व अधिकारियों की चेतावनी के बाद मुकेश भारती ने सुधरने की जगह एलडीए के अफसरों पर ही प्रमोशन नहीं करने का आरोप लगाते हुए लीगल नोटिस भेज दी थी। जिसके अनुसार वह एक खिलाड़ी है और उसका प्रमोशन किया जाना चाहिए।
ईमानदार अफसरों से क्यों नहीं डर रहे भ्रष्ट मातहत!
लखनऊ में घूम-घूमकर लोगों से निडरता से मुकेश भारती द्वारा वसूली करने का मामला सामने आने के बाद एलडीए के अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। एलडीए वीसी से लेकर जहां अन्य अधिकारी मातहतों को सुधरने और भ्रष्टाचार नहीं करने की चेतावनी दे रहें। वहीं इस तरह से वसूली के मामले खुलासे ने एक बात साफ कर दी है, बदनाम एलडीए की छवि सुधारने के लिए अफसरों को अपनी कार्यप्रणाली में अभी न सिर्फ और बदलाव करने की जरूरत है, बल्कि दागी जेई से लेकर बाबू व सुपरवाइजर स्तर तक के कर्मचारियों पर खास निगाह रखने की जरूरत है। ऐसा नहीं हुआ तो इस तरह या फिर इससे भी बड़े भ्रष्टाचार के मामले आगे भी एलडीए के इतिहास में काला अध्याय जोड़ते रहेंगे।