आरयू ब्यूरो, लखनऊ। रिलीज के साथ ही अपने टपोरी टाइप डायलॉग को लेकर विवादों में घिरी फिल्म आदिपुरुष के निर्माताओं की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में मंगलवार को ‘आदिपुरुष‘ फिल्म पर रोक लगाने की याचिका को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ‘आदिपुरुष’ फिल्म के निर्माताओं को फटकार लगाई है।
कोर्ट ने ‘आदिपुरुष’ फिल्म के फूहड़ संवाद लिखने वाले मनोज मुंतशिर शुक्ला को पार्टी बनाने के आदेश दिए। कोर्ट ने मनोज मुंतशिर शुक्ला को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। कोर्ट का कहना था कि अब मनोज मुंतशिर जवाब देंगे कि सहिष्णु माने जाने वाले हिंदुओं की आस्था के साथ उन्होंने खिलवाड़ क्यों किया। साथ ही कोर्ट ने कहा, “जिस तरह के संवाद फिल्म में हैं वो बड़ा मुद्दा है। लोगों के लिए रामायण एक मिसाल है और पूजनीय है।
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रामचरितमानस को लोग पढ़कर घर से निकलते हैं। कुछ चीजों को फिल्म में नहीं छूना चाहिए था।” हाई कोर्ट ने कहा कि फिल्म में भगवान हनुमान, सीता माता को ऐसे दिखाया गया जैसे वो क्या ही हों। कोर्ट ने पूछा कि क्या सेंसर बोर्ड ने अपनी जिम्मेदारी निभाई है? कोर्ट ने कहा कि अच्छा हुआ कि लोगों ने फिल्म देखने के बाद कानून-व्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचाया। इस मामले में हाई कोर्ट में अगली बहस 27 जून को होगी।
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मालूम हो कि विवादों में घिरी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन सोशल मीडिया पर आलोचनात्मक टिप्पणी के चलते इसकी कमाई में काफी गिरावट दर्ज की गई। यह फिल्म, अब बदले हुए संवादों के साथ सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही है।