आरयू वेब टीम। मणिपुर में दो युवतियों का गैंगरेप कर उन्हें नग्न घुमाने व भीड़ द्वारा नोचे जाने का वीडियो वायर होने के बाद देशभर में लोग आक्रोशित हो उठे। वहीं घटना सामने आने के बाद से विपक्ष लगातार मोदी सरकार व राज्य सरकार पर हमलावर है। विपक्ष ने इस हैवानित पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी एक बार चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए कहा कि ऑल इज वेल का दिखावा करना बंद करे।
वहीं गुरुवार को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल हैवानियत व सरकारों की कार्यप्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन कर रहें है।मणिपुर हैवानियत व वहां के हालात को लेकर महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और नारा लगाते हुए मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस ममले पर कहा कि मणिपुर में मानवता मर गई है। मोदी सरकार और भाजपा ने राज्य के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करके लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है। नरेंद्र मोदी जी, भारत आपकी चुप्पी को कभी माफ नहीं करेगा। यदि आपकी सरकार में जरा भी विवेक या शर्म बची है, तो आपको संसद में मणिपुर के बारे में बोलना चाहिए और केंद्र और राज्य दोनों में अपनी दोहरी अक्षमता के लिए दूसरों को दोष दिए बिना, देश को बताना चाहिए कि क्या हुआ।
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राहुल गांधी ट्वीट कर कहा कि पीएम की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है। जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
मणिपुर में सभ्यता का चीरहरण
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि मणिपुर में सभ्यता का चीरहरण हुआ है और संस्कृति का पाताल-पतन। मणिपुर के हालात के लिए आरएसएस की नफरत की नीति और भाजपा की वोट की राजनीति जिम्मेदार है। बहन बेटियों के परिवारवाले अब तो भाजपा की ओर देखने तक से पहले एक बार जरूर सोचेंगे। वहीं शिवपाल यादव ने कहा कि इंडिया’ को ही मणिपुर को बचाना होगा।
कानून-व्यवस्था काफी पहले से चरमराई हुई
मायावती ने कहा कि मणिपुर में अनवरत जारी हिंसा व तनाव से पूरा देश चिन्तित है तथा महिला के साथ अभद्रता की ताजा घटना खासकर भाजपा व उनकी सरकार को शर्मसार करने वाली है। वैसे तो राज्य में कानून-व्यवस्था काफी पहले से चरमराई हुई है, किन्तु क्या बीजेपी अभी भी ऐसे मुख्यमंत्री को संरक्षण देती रहेगी?
समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं…
इससे पहले प्रियंका गांधी कहा कि मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है। हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हिंसा की एकस्वर में निंदा करनी पड़ेगी। केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?
इस तरह की घटना होना शर्म की बात
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा मणिपुर की घटना को लेकर प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ी जो अच्छी बात है लेकिन मणिपुर में अब तक जो हुआ, जो लूट मची, मणिपुर जल रहा था, इतनी बर्बरता हुई थी तब प्रधानमंत्री ने चुप्पी क्यों साधी हुई थी? गृह मंत्री चुप क्यों थे? इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी के बाद प्रधानमंत्री ने अपना बयान दिया वे पहले क्यों चुप थे। वे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारे देश में इस तरह की घटना घटित होना शर्म की बात है।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पीएम मोदी से आग्रह किया कि वह अपनी 78 दिनों की चुप्पी तोड़ें और मणिपुर की जनता के साथ खड़े हों।