आरयू वेब टीम। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में ऐलान करते हुए बताया है कि राजद्रोह कानून खत्म किया जा रहा, इसे लेकर सरकार की तरफ से एक प्रस्ताव पेश किया गया। कई दशकों से चले आ रहे इस कानून को लेकर काफी विवाद भी हुआ था, कई विपक्षी दलों ने इसे खत्म करने की मांग की थी और इसके दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
केंद्रीय गृहमंत्री ने इस दौरान बताया कि अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता होगी, वहीं सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता होगी। इसी तरह एविडेंस एक्ट का नाम बदलकर अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम किया गया है और राजद्रोह का कानून खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है।
अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से पांच प्रणों को देश की जनता के सामने रखा था। इनमें से एक प्रण गुलामी की निशानियों को समाप्त करने की बात कही थी। मैं इसी कड़ी में तीन विधेयक लाया हूं, जो पुराने कानूनों में बदलाव करने वाले हैं।
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अमित शाह ने बताया कि इनमें इंडियन पीनल कोड (1860), क्रिमिनल प्रोसिजर कोड (1898), इंडियन एविडेंस एक्ट (1872) में बने इन कानूनों को खत्म किया जा रहा और नए कानून लाए जा रहे हैं। अब देश में भारतीय न्याय संहिता (2023), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (2023) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (2023) प्रस्तावित होगा।