आरयू ब्यूरो, लखनऊ/रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को डूंगरपुर केस में रामपुर एमपी/एमएलए कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 14 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने आजम खान को डूंगरपुर की जमीन कब्जाने और घरों में घुसकर तोड़फोड़ के मामले में दोषी करार दिया था।
कोर्ट की तरफ से बरकत अली को भी सात साल की सजा सुनाई गई है और छह लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। डूंगरपुर में दर्ज प्रकरण मामले में एमपी, एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। आजम खान औ बरकत अली ठेकेदार को भी सजा सुनाई गई है। आजम खान और ठेकेदार बरकत अली को कल एमपी,एमएलए कोर्ट की तरफ से डूंगरपुर बस्ती मामले में दोनों को दोषी करार किया है।
डूंगरपुर केस तीन फरवरी 2016 का है, जिसमें आरोप है कि पुलिस लाइन के पास कुछ लोगों के मकानों को सरकारी मकान बताकर तोड़ दिया गया था। 2019 में बीजेपी सरकार आने के बाद जेल रोड निवासी एहतेशाम ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था। एहतेशाम का आरोप है कि सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, बरेली के ठेकेदार बरकत अली, रामपुर के पूर्व पालिका अध्यक्ष अहमद खान ने पुलिस वालों के साथ उनके घर में घुसकर मारपीट की और उन्हें घर से बाहर निकाल दिया।
उन्होंने 25 हजार रुपए और एक मोबाइल फोन भी लूट लिया। जब एहतेशाम ने इस मामले की शिकायत सपा सरकार में मंत्री आजम खान से की, तो उनकी बात सुनने के बजाय उन्हें मारपीट कर भगा दिया गया।
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गौरतलब है कि डूंगरपुर बस्ती खाली कराने के मामले में 2019 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में 12 मुकदमे दर्ज हुए थे, जिनमें सभी वादी बस्ती के लोग थे। इन मुकदमों में से एक मामले में आजम खान को बरी कर दिया गया था। यह मुकदमा महिला रूबी ने लिखवाया था। इस मुकदमे की सुनवाई के लिए आजम खान को सीतापुर जेल से रामपुर लाया गया था।