आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समायोजन निरस्त होने व योगी सरकार की बेरूखी का शिकार शिक्षामित्रों ने आज राजधानी लखनऊ समेत प्रदेशभर में काला दिवस मनाया। हाथ पर काली पट्टी बांधकर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के साथ ही शिक्षामित्रों ने आर्थिक तंगी व अवसाद के चलते दुनिया से जाने वाले अपने साथियों को याद करते उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
इसी क्रम में आज लखनऊ में भी शिक्षामित्रों ने प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया और अपने बच्चों के साथ शहीद स्मारक पहुंचे। यहां उन्होंने अपने दिवंगत साथी शिक्षा मित्रों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही सरकार के खिलाफ नारे लगाए और वेतन बढ़ाने की मांग की। इस दौरान शिक्षामित्रों ने कहा कि दस हजार रुपए में परिवार का गुजारा नहीं हो रहा है। इसी वजह से अब तक प्रदेशभर में करीब 12 हजार शिक्षामित्र सुसाइड व अन्य कारणों से दुनिया को अलविदा कह चुके हैं।
प्रदर्शन के बाद शिक्षामित्रों ने जिला मुख्यालय पर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा। इसमें शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने, सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त की मांग की गई। साथ ही सरकार से सीधा सवाल किया कि दस हजार रुपए मानदेय में परिवार का गुजारा कैसे होगा? सरकार के खिलाफ प्रदेश में माध्यमिक शिक्षक संघ ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन हुआ।
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वहीं शिक्षामित्र संघ के सरोजिनी नगर ब्लॉक अध्यक्ष हरनाम सिंह ने मीडिया से कहा कि आज प्रदेश भर के सभी 75 जिलों के जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया गया। 25 जुलाई 2017 को शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त किया गया था, इससे आहत होकर अब तक 12 हजार शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली, इसका जिम्मेदार कौन है?