आरयू वेब टीम। इन दिनों प्राकृती लोगों पर अपना प्रकोप बरसा रही है। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, क्लाइड ब्रस्ट और बाढ़ के बीच धरती डोली है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में शुक्रवार भूकंप आया। जिससे लोगों में दहशत फैल गई और सभी अपने-अपने घरों व दुकानों से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे।
भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 आंकी गई और इसका केंद्र जमीन के भीतर पांच किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप सुबह करीब 9:45 बजे आया, हालांकि भूकंप की तीव्रता कम होने के चलते किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। दरअसल हिमाचल भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन चार और पांच में आता है। कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी भूकंप की दृष्टि से सबसे अति संवेदनशील क्षेत्र हैं।
इससे पहले लाहौल घाटी में बुधवार रात को भी हल्के भकूंप के झटके महसूस किए गए थे। रात एक बजकर 11 मिनट पर यहां धरती डोली थी, हालांकि रात को सभी लोग सोए हुए थे और किसी को ये झटके महसूस नहीं हुए। इस दौरान भूकंप की तीव्रता 3.2 रिक्टर स्केल थी।
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मालूम हो कि हिमाचल प्रदेश के बुधवार की रात को पांच जिलों में बारिश ने कहर ढाया। बादल फटने से 53 लोग लापता हो गए, जिनमें से पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 47 लोगों की अब भी तलाश है। मंडी, शिमला, कुल्लू, चंबा और लाहौल स्पीति में बादल फटने से तबाही हुई है। शिमला के रामपुर में झाखड़ी से आगे समेज गांव का तो नामोनिशां मिट गया है। इस गांव में कुल 36 लोग लापता हैं।, जबकि मंडी में आठ लोगों की तलाश है, जबकि कुल्लू के निरमंड में छह लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चला है।