आरक्षित वर्ग के शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने BJP प्रदेश अध्‍यक्ष के आवास पर प्रदर्शन कर उठाई नियुक्ति व अफसरों को हटाने की मांग

शिक्षक भर्ती
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के आवास का घेराव किए अभ्यर्थी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती में हुए आरक्षण घोटाले को लेकर हाई कोर्ट का फैसला आ चुका है। डबल बेंच ने नए सिरे से भर्ती परिणाम जारी करने व आरक्षण के नियमों का पालन का आदेश दिया है। वहीं कई दिन बीतने के बाद भी आदेश का पालन न होता देख अभ्यर्थियों का नियुक्ति की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन भी जारी है। बुधवार को अभ्यर्थियों ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के आवास का घेराव कर जमकर नारेबाजी की।

हटाएं जाए दागी अफसर

अभ्यर्थियों का कहना है कि हाई कोर्ट का जो निर्णय आया है, सरकार उसे जल्द लागू करे और न्याय देते हुए नियुक्ति का रास्ता साफ करे। अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि दागी अधिकारियों को तत्काल हटाकर नए अधिकारी नियुक्त करें, ताकि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूरी की जा सके।

वहीं शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गयी है। शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी सरकार से शीघ्र ही नई सूची जारी करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उनकी यह भी मांग है कि उन सभी अफसरों को हटाया जाए जिन्होंने पूर्व में जारी की गयी सूची बनाई थी।

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर बातचीत करते हुए ज्ञापन लिया। भूपेंद्र ने आश्‍वासन दिलाते हुए कहा कि इस मामले में जल्द ही वह मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से मुलाकात कर अभ्यर्थियों की भी मुलाकात कराएंगे। प्रतिनिधिमंडल में अमरेन्द्र पटेल के साथ वीरेन्द्र, विजय, अर्चना, विक्रम शामिल थे।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए भी कर रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराये। हम सभी अभ्यर्थी पिछले चार साल से सड़कों पर भटक रहें, अब हाई कोर्ट का फैसला आया है तो इसका पालन किया जाना चाहिए।

अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया। एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त  को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है, लेकिन योगी सरकार इस मामले में हीला हवाली कर रही, हम चाहते हैं की सरकार जल्द प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी कर बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है।

प्रदर्शनकारियों ने योगी सरकार की नीयत पर संदेह जताते कहा कि हाई कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है केवल एक मीटिंग की है। हमारी मांग है कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे।

गौरतलब है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में 6800 पदों को लेकर यह अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले इन अभ्यर्थियों ने दर्जनों बार सीएम, डिप्टी सीएम, भाजपा कार्यालय सहित कई अन्य स्थानों पर जमकर प्रदर्शन किया है। लगभग चार साल से अभ्यर्थियों प्रदर्शन कर रहें हैं।

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