आरयू वेब टीम। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की शुक्रवार को दिल्ली में बैठक हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीडब्ल्यूसी को संबोधित करते हुए कहा कि हाल में हुए विधानसभा चुनाव परिणामों से निराश होने की जरूरत नहीं हैं, हालांकि उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की जरूरत बताया। साथ ही एक बार फिर से ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईवीएम ने चुनाव प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है। चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना चाहिए।
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खड़गे ने ईवीएम के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि ईवीएम ने चुनावी प्रक्रिया को संदिग्ध बना दिया है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है इसलिए इसे लेकर जितना कम कहा जाए उतना अच्छा। पर देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करवाना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है।’’ साथ ही कहा कि बार-बार ये सवाल उठ रहे हैं कि किस हद तक ये दायित्व निभाया जा रहा है। ‘‘सिर्फ छह महीने पहले जिस तरह के नतीजे लोकसभा चुनाव में एमवीए के पक्ष में आए थे, उसके बाद विधानसभा चुनाव का नतीजा राजनीतिक पंडितों के भी समझ से परे है। ऐसे परिणाम आए हैं कि कोई भी अंकगणित इसे उचित ठहराने करने में असमर्थ है।’’
पार्टी की ताकत से ही हमारी ताकत
कार्य समिति की बैठक को संबोधित कर मल्लिकार्जुन ने कहा, ‘‘हमें तुरंत चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए संगठन के स्तर पर अपनी सभी कमजोरियों और खामियों को दुरुस्त करने की जरूरत है। ये नतीजे हमारे लिए संदेश हैं।’’ ‘‘सबको ये सोचने की दरकार है कि कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हम सबकी जीत है और हार में हम सबकी हार है। पार्टी की ताकत से ही हमारी ताकत है।’’ चुनावों में माहौल हमारे पक्ष में था, लेकिन केवल माहौल पक्ष में होना भर जीत की गारंटी नहीं। हमें माहौल को नतीजों में बदलना सीखना होगा। क्या कारण है कि हम माहौल का फायदा नहीं उठा पाते?’’
बूथ स्तर तक करना होगा मजबूत
इस बात पर जोर देते हुए कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ‘‘हमें पर्याप्त मेहनत करने के साथ समयबद्ध तरीके से रणनीति बनानी होगी। हमें अपने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना होगा। हमें मतदाता सूची बनाने से लेकर वोट की गिनती तक रात-दिन सजग, सचेत और सावधान रहना होगा। हमारी तैयारी आरंभ से मतगणना तक ऐसी होनी चाहिए कि हमारे कार्यकर्ता और ‘सिस्टम’ मुस्तैदी से काम करें।’’ ‘‘संगठन का मजबूत होना हमारी सबसे बड़ी जरूरत है।’’ वहीं यह भी पूछा कि राष्ट्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय नेताओं के सहारे राज्यों का चुनाव आप कब तक लड़ेंगे?
एक साल पहले शुरू कर देनी चाहिए चुनाव की तैयारी
खड़गे ने कहा, ‘‘हाल के चुनावी नतीजों का संकेत यह भी है कि हमें राज्यों में अपनी चुनाव की तैयारी कम से कम एक साल पहले शुरू कर देनी चाहिए। हमारी टीम समय से पहले मैदान में मौजूद रहनी चाहिए। पहला काम मतदाता सूचियों की जांच करनी चाहिए ताकि हमारे पक्ष वालों के वोट हर हालत में सूची में बने रहें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पुराने ढर्रे पर चलते हुए हर समय सफलता नहीं पा सकते। आपका राजनीतिक प्रतिद्वंदी क्या कर रहा है, इसे रोजमर्रा में देखना होगा। हमें समय से निर्णय लेने होंगे। जवाबदेही तय करनी होगी।’’
अपने सबसे बड़े शत्रु बन जाते
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘‘कई बार हम खुद अपने सबसे बड़े शत्रु बन जाते हैं। हम खुद अपने बारे में नकारात्मक और हताशापूर्ण बातें करेंगे और ये कहेंगे कि हमारा कोई विमर्श नहीं है तो मैं पूछता हूं कि विमर्श बनाना और उसको जनता तक पहुंचाना किसकी जिम्मेदारी है?’’ ये हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। जो विमर्श हमने राष्ट्रीय स्तर पर तय किया था, वो अभी भी लागू है।