पर्यवेक्षकों की निगरानी में होगा भाजपा के मंडल-जिलाध्यक्षों का चुनाव

संगठनात्मक चुनाव

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। 15 दिसंबर तक 1918 मंडलों व 30 दिसंबर तक 98 संगठनात्मक जिलों के चुनाव होने हैं। जिसे देखते हुए भाजपा प्रदेश मुख्यालय में संगठनात्मक चुनाव को लेकर सोमवार को पर्यवेक्षकों की बैठक हुई। जिसमें तय हुआ कि प्रत्येक तीन से चार जिलों में एक पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएं। भाजपा के संगठनात्मक चुनाव पर्यवेक्षकों की कड़ी निगरानी में होंगे।

भाजपा सिर्फ सत्ता प्राप्ति के लिए राजनीति नहीं करती

राष्ट्रीय महामंत्री व उत्तर प्रदेश के संगठनात्मक चुनाव के पर्यवेक्षक विनोद तावड़े की उपस्थिति में हुई इस बैठक में समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई। बैठक में विनोद तावड़े ने कहा कि भाजपा सिर्फ सत्ता प्राप्ति के लिए राजनीति नहीं करती, बल्कि एकमात्र ऐसी पार्टी है जो राजनीति के साथ सेवा के लिए भी जानी जाती है। संगठन के विस्तार में पार्टी की विचारधारा के अनुरूप कार्यकर्ताओं को प्रेरित करके आगे लाना चाहिए।

यह भी पढ़ें- भाजपा महासचिव विनोद तावड़े पर पैसे बांटने का आरोप, वोटिंग से पहले मुंबई में हंगामा

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि आज के बाद संगठन के चुनावों की धुरी मंडल और उसके बाद जिला स्तर पर रहेगी। मंडल भी अपने कार्य का संगठनात्मक आधार है। मंडल की सक्रियता के कारण जिला, बूथ और शक्ति केंद्र के स्तर पर कार्य अच्छा हो जाता है। चुनाव निर्विरोध एवं निर्बाध हो, इसके लिए आपस में टीम भावना के साथ बैठकर एक सहमति के आधार पर कार्य करना है।

प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय ने बताया कि पांच दिसंबर तक सभी बूथ कमेटियां गठित कर ली जाएंगी। अब तक 98 हजार बूथ समितियों का चुनाव हो चुका है। उन्होंने बताया कि पोर्टल पर कमेटियों के गठन की सूचना अपलोड की जा रही है, इसलिए इसमें विलंब हो रहा है।

यह भी पढ़ें-“जाति विशेष को नौकरी देने वालों को सबका साथ सबका विकास की हकीकत नहीं आयेगी समझ: भूपेंद्र चौधरी