आरयू वेब टीम। आम आदमी पार्टी के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में उन पर लगाई गई जमानत की शर्त को हटा दिया, जिसके तहत उन्हें सप्ताह में दो बार ईडी और सीबीआइ के जांच अधिकारियों के सामने पेश होने की जरूरत थी। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने आदेश पारित करते हुए स्पष्ट किया कि सिसोदिया नियमित रूप से मुकदमे में शामिल होंगे। इसमें कहा गया कि हमें उक्त शर्त जरूरी नहीं लगती।
आबकारी नीति से संबंधित करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत की शर्त के तौर पर कहा गया था कि उन्हें हर हफ्ते जांच अधिकारियों के सामने दो बार पेश होना होगा। इस शर्त को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है। दरअसल सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है इस दौरान कई शर्तें तय की गई है जिनमें यह भी कहा गया है कि उन्हें सप्ताह में दो बार जांच अधिकारी के सामने पेश होना है।
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इस शर्त में ढील देने के लिए सिसौदिया ने गुहार लगाई थी। 22 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआइ और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। इससे पहले, नौ अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों में सिसोदिया को जमानत दी थी। जमानत की शर्त में कहा गया था कि सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सुबह दस से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के सामने पेश होना है और अदालत ने यह भी कहा था कि वह अपना पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा करेंगे और गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे।