बांग्लादेश के खिलाफ रैली निकाल धर्म गुरुओं ने जताई नाराजगी, की हिंसा रोकने की अपील

बांग्लादेश के खिलाफ रैली
लखनऊ यूनिवर्सिटी के पास से रैली निकालते धर्म गुरू व अन्‍य। (फोटो-आरयू)

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हिंसा के खिलाफ लखनऊ में कई धर्मों के धर्म गुरुओं ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी, शिया, हिंदू महासभा, और इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ताओं ने इन घटनाओं पर आक्रोश व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की।

इस दौरान लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रवक्ता सतपाल सिंह ने कहा कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद कट्टरपंथी ताकतें पूरी तरह हावी हो गई हैं। हिंदू, सिख, ईसाई और अन्य अल्पसंख्यकों का नरसंहार किया जा रहा है। मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, धर्मगुरुओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। यह योजनाबद्ध तरीके से हो रहा है। सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए। हम इन अत्याचारों को दुनिया के सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं।

शिया धर्म गुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को सबको खुलकर विरोध करना चाहिए। हिंदू, मुस्लिम सभी को मिलकर इन घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को मारा जा रहा है। पाकिस्तान के पाराचिनार में शिया समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। यह मानवता पर हमला है। यूनाइटेड नेशन की खामोशी दुर्भाग्यपूर्ण है।प्रधानमंत्री को न केवल पीओके बल्कि बांग्लादेश पर भी कदम उठाना चाहिए। अब समय आ गया है कि लाहौर में भारत का तिरंगा लहराया जाए।

वहीं मोहम्मद अशफाक खान ने कहा धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना शर्मनाक है। बांग्लादेश में मासूम बच्चियों से दुष्कर्म, धार्मिक स्थलों का विध्वंस और हिंदुओं को बेरोजगार किया जाना मानवता को शर्मसार करता है। हम बांग्लादेश सरकार से मांग करते हैं कि ये अत्याचार बंद किया जाय। भारत सरकार को भी इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।

साथ ही हिंदू महासभा ने प्रवक्ता महादेव बाबा ने कहा बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए भारत सरकार ने अब तक निराशाजनक भूमिका निभाई है। सीएए और एनआरसी की बात अब बेमानी हो गई है। तत्काल भारत की सरहदें बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए खोली जाएं। प्रधानमंत्री मोदी को बांग्लादेश पर सैन्य कार्रवाई कर इसे दो हिस्सों में बांट देना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेश में हिंदू कट रहे हैं और हमारी सरकार क्रिकेट मैच खेलने में व्यस्त है। असदुद्दीन ओवैसी से भी सवाल है कि गाजा पर बात करने वाले बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए खामोश क्यों हैं?

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इसके अलावा इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष अपरिमेय श्याम दास ने कहा बांग्लादेश में स्थिति भयावह है। वहां की सरकार को तत्काल अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार रोकने चाहिए। इस्कॉन मंदिर के धर्मगुरु की गिरफ्तारी अत्यंत निंदनीय है। हम उनकी रिहाई की मांग करते हैं। यह मानवता के खिलाफ अपराध है, और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। धर्म गुरुओं ने एकजुट होकर इन घटनाओं पर कड़ा विरोध जताया और भारत सरकार से बांग्लादेश-पाकिस्तान में हो रहे मानवता के इस हनन के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की।

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