SGPGI में बोले CM योगी, शालीनता के साथ करें कार्य कि सफलता मचा दे शोर

पीजीआइ में योगी
डॉक्‍टरों को संबोधित करते योगी आदित्‍यनाथ।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। संजय गांधी पीजीआइ से देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में स्वास्थ्य का मानक तय करता है। कोरोना महामारी के दौरान 36 जनपदों में आइसीयू नहीं थे। ऐसे में संस्थान के निदेशक ने सुझाव दिया कि हम लोग टेली आइसीयू चला सकते हैं। उनकी सहायता से प्रदेश में वर्चुअल आइसीयू प्रारंभ किया था। इससे हजारों लोगों की जान को बचाने में मदद मिली थी।

उक्त बातें शनिवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) का 41वां स्थापना दिवस समारोह मुख्य अतिथि के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित कर कही। योगी ने कहा कि देश का ये पहला संस्थान हैं जिसे सीएसआर से पांच सौ करोड़ मिले हैं। साथ ही एसजीपीजीआइ के डॉक्टरों को संबोधित करते हुए एक दार्शनिक की कहानी सुनाते हुए कहा कि जीत की तैयारी इतने शालीनता के साथ करो कि आपकी सफलता शोर मचा दे।

इस मौके पर शोध दिवस में अच्छे पेपर प्रस्तुत करने वाले 19 शिक्षक और 24 विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने सभी का आभार जताया। पिछले साल की उपलब्धियों का ब्योरा पेश किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों को ब्रेन डेड व्यक्तियों के घरवालों को जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों के शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है।

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इसके चलते वह शरीर किसी के काम नहीं आ पाता है। अगर अंगदान हो जाए तो एक ब्रेन डेड व्यक्ति से कई जरूरतमंदों को नया जीवन मिल सकता है। अगर नेता अंगदान की बात करते हैं तो उसे कम गंभीरता से लिया जाता है। वहीं अगर डॉक्टर यह बात कहेंगे तो उसे ठीक तरह से लिया जाएगा। यह इलाज से हटकर सामाजिक जिम्मेदारी है जिसे डॉक्टरों को निभाना चाहिए, हालांकि अभी भी काफी डॉक्टर यह काम कर रहे हैं।

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