रियलिटी चेक के बाद CM योगी का डीएम-कप्‍तान को सख्‍त निर्देश, किसी भी दशा में दस से 12 तक कार्यालय में रहकर करें शिकायतों का समाधान

रियलिटी चेक

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस व प्रशासनिक अफसरों कार्यशैली को लेकर शुक्रवार को कड़े निर्देश दिए हैं। दरअसल मुख्‍यमंत्री ने अधिकारियों को अपने ऑफिस में रहकर समस्‍याओं के निस्‍तारण का निर्देश दिया  था, जिसके बाद भी अधिकारी लापरवाही बरत रहे। इस बात की जानकारी शुक्रवार को सीएम योगी की तरफ से कराए गए रियलिटी चेक के बाद सामने आई।

बताया जा रहा है कि 30 जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान गैरहाजिर मिले हैं। 14 डीएम और 16 कप्तान अपने दफ्तरों में नहीं थे। जिसके बाद मुख्‍यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक किसी भी दशा में हर दिन सुबह दस से 12 बजे तक कार्यालयों में उपस्थित रहकर जन समस्याओं और शिकायतों का समाधान करें। उन्होंने सख्त लहजे में कहा है कि जनता दर्शन से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

योगी ने सख्त लहजे में दोहराया है कि दागी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को बर्खास्त कर विभाग से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। अवैध गतिविधियों में लिप्त भष्ट आचरण के लोगों के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। ऐसे लोगों को चिन्हित कर लिस्ट तैयार की जाए। सभी के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री ने टीम-नाइन की बैठक में शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों से पुलिस की शिकायतों को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बीते दिनों कई पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने की गंभीर शिकायतें आई हैं। यह कतई स्वीकार नहीं है। पुलिस विभाग में ऐसे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है। सीएम योगी ने ऐसे दागी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्रमाण समेत सूची भी तलब की है। सभी के विरुद्ध कार्रवाई होगी।

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योगी ने कहा कि गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को बर्खास्त किया जाए। योगी ने कहा कि दागी छवि वाले लोगों को फील्ड में महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती न दी जाए। इसे लेकर किसी भी स्तर पर शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई होगी। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय के साथ-साथ एसीएस होम और डीजीपी स्तर से इस व्यवस्था की लगातार मानीटरिंग की जाए।

बता दें कि कि नौ सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों में तैनात एएसपी से लेकर दारोगा तक की स्क्रीनिंग कराए जाने के कड़े निर्देश भी दिए थे। इसके लिए डीजी व एडीजी की अगुवाई में दो समितियां गठित की गई हैं। सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जिलों में तैनात पुलिस अधिकारियों व थानेदारों की पोस्टिंग को लेकर भी कड़े निर्देश दिए थे।

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