आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कांग्रेस सांसद राकेश राठौर की मुश्किल बढ़ गई है। इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राकेश राठौर की अग्रिम जमानत पर सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा सांसद दो सप्ताह में निचली अदालत में सरेंडर करें और कोर्ट जमानत पर तत्काल सुनवाई करे।
ये आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने राकेश राठौर की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के पश्चात पारित किया। याची की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया की वादी ने यह मुकदमा चार साल के पश्चात लिखवाया है। याची को इस मुकदमे में झूठा फसाया गया है।
वहीं वादी की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया की याची समाज का सम्मानित व नेता दबंग है जिसके डर के कारण वादी ने मुकदमा देर से लिखवाया।
साथ ही अधिवक्ता ने समर्पण के लिए न्यायालय से समय मांगा। न्यायालय ने दो हफ्ते के अंदर समर्पण सत्र न्यायालय में करने को कहा और यह भी कहा की इनके जमानत याचिका जल्दी से जल्दी निस्तारित बिना देरी के किया जाए।
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बता दें कि कांग्रेस सांसद राकेश राठौर पर रेप का केस दर्ज हुआ है। एक महिला नेता का आरोप है कि सांसद ने उससे शादी का वादा किया। चार साल तक शारीरिक शोषण करता रहा। शहर कोतवाली पुलिस ने महिला की शिकायत पर सांसद के खिलाफ रेप और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया है।
तैलिक महासभा से जुड़ी पीड़िता के मुताबिक, सांसद राकेश राठौर ने उसे राजनीति में करियर बनाने का भी वादा किया। महिला की ओर से 15 जनवरी को पुलिस को शिकायत पत्र दिया गया था। महिला और सांसद की बातचीत का ऑडियो भी सामने आया है।