आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लिया। सपा मुखिया ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट को किसान, नौजवान व गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि बजट में महंगाई, बेरोजगारी कम करने की कोई योजना नहीं है। किसानों की आय बढ़ाने और किसानों की फसलों की एमएसपी का कानूनी अधिकार देने की कोई बात नहीं कही है।
अपने एक बयान में मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए अखिलेश ने कहा है कि इस सरकार के पास देश की जनता के लिए कोई विजन नहीं है। केंद्र सरकार बजट के आंकड़े के साथ महाकुंभ में जान गवांने वाले श्रद्धालुओं के आंकड़े भी दे। इसके सब आंकड़े झूठे हैं। बजट में महंगाई, बेरोजगारी कम करने की कोई योजना नहीं है। किसानों की आय बढ़ाने और किसानों की फसलों की एमएसपी का कानूनी अधिकार देने की कोई बात नहीं कही है। किसानों की कर्जमाफी की कोई बात नहीं है। खाने-पीने की चीजों में बढ़ती महंगाई को कम करने को लेकर कुछ नहीं कहा गया। इस बजट से किसानों, नौजवानों, गरीबों, व्यापारियों सभी को निराशा हुई है।
इतना ही नहीं भाजपा सरकार झूठे आंकड़ों के जरिए आम जनता को भरमाने का काम कर रही है। दोषपूर्ण जीएसटी को लेकर बजट में सरकार मौन है। इस सरकार की दोषपूर्ण जीएसटी से व्यापार और व्यापारी बर्बाद हो गया है। सरकार मध्यम वर्ग को भी सब्जबाग दिखा रही है। दूसरे रास्ते से जनता की जेब काट रही है। दुनिया भर में अर्थव्यवस्था को लेकर ढ़िढोरा पीटने वाली सरकार सुरक्षित ढंग से एक कुंभ स्नान नहीं करा पा रही है।
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अखिलेश ने सवाल उठाते आगे कहा कि क्या यही भाजपा के विकसित भारत की परिभाषा है, लोग स्नान करने जायें और भगदड़ में मारे जाए। सड़कों पर कई दिन जाम में फंसे रहें। भूख-प्यास से तड़प जाएं। अखिलेश ने आगे कहा कि आज बजट में आकड़ों से ज्यादा जरूरी महाकुंभ भगदड़ में मरने वाले, घायलों और खोये लोगों का आंकड़ा है। सरकार इन आंकड़ों को क्यों नहीं दे रही है? छिपा, क्यों रही है?
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