डेढ़ महीने में तीसरे चीते की मौत को अखिलेश ने बताया प्रशासनिक हत्या, ‘भाजपाई मजमा खड़ा करने वाले दें सुरक्षित माहौल’

प्रशासनिक हत्या

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों की लगातार मौत के मामले ने अब विपक्ष को मोदी सरकार पर हमले का मौका दे दिया है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की ओर से प्रोजेक्ट चीता को बड़े स्तर पर प्रदर्शित किया गया था, लेकिन अब उनकी मौत के मामले पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने चीते की मौत को प्रशासनिक हत्‍या बताते हुए न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा हैै बल्कि दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की भी मांग की है।

अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, कूनो में तीसरे चीते की मौत दरअसल प्रशासनिक हत्या है। केवल राजनीतिक प्रदर्शन के लिए जो भाजपाई मजमा खड़ा किया था, उसका ये दायित्व भी बनता था कि विदेशी चीतों को बीमारी व आपसी संघर्ष से मुक्त सुरक्षित माहौल दे। ये जानवरों पर क्रूरता का स्पष्ट मामला है, इस मामले में दंडात्मक कार्रवाई हो।

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वहीं एक अन्य ट्वीट में आज सपा मुखिया ने कहा कि जनता महंगाई, भुखमरी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, खेती-कारोबार व कानून-व्यवस्था में बदहाली लाने वाली भाजपा का ‘क ख ग’ बदलकर उसका ‘क्ष त्र ज्ञ’ करने के लिए तैयार बैठी है। इसीलिए अंग्रेजों का साथ देने वाले अंग्रेजी की एल्फाबेट बोल रहे हैं।

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बता दें कि दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की कूनो नैशनल पार्क में मौत हुई है। इस प्रकार अब तक तीन चीतों की मौत हो चुकी है। इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान का कहना है कि आपसी लड़ाई में दक्षा घायल हुई थी। हालांकि सवाल यह भी उठ रहा है कि चीतों को बिना समझे खतरनाक तरीके से एक साथ क्‍यों रखा गया।

दूसरी ओर चीता दक्षा की मौत को लेकर जो मामला सामने आया है उसके अनुसार, कुनो नैशनल पार्क की एक निगरानी टीम ने उसे घायल अवस्था में पाया। आवश्यक दवा और इलाज दिया गया। दोपहर करीब 12 बजे उसकी मौत हो गई। दरअसल, दक्षा के बाड़े में वायु और अग्नि चीतों को रखा गया था, लेकिन, नर चीते हिंसक हो गए थे। चीतों की भिड़त को लेकर निगरानी करने वाले अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं।

दो चीतों की पहले हो चुकी मौत

कुनो नैशनल पार्क में दो चीतों की मौत हो चुकी है। बीमारी के कारण साशा और उदय की मौत हुई थी। इन दोनों चीतों को सितंबर 2022 में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। 27 मार्च को पहले और 23 अप्रैल को दूसरे चीते की मौत हुई। महज 45 दिनों के भीतर तीसरे चीते की मौत हुई है। इसी पर अखिलेश यादव ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है।

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