आरयू ब्यूरो, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारत के शेयर बाजार में आई गिरावट के लिए बीजेपी सरकार की नीतियों और विदेशी निवेशकों द्वारा पैसा निकालने को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही तर्क दिया कि ये भाजपा नीत सरकार के तहत देश की अर्थव्यवस्था में विश्वास की कमी को दर्शाता है। भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘निवेश को आकर्षित करने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किया जाना निरर्थक अपव्यय है। इसका एक अर्थ ये भी निकलता है कि स्थानीय उद्योग, उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
इस दौरान सपा मुखिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की सबसे बड़ी कमी यही है कि वो देश की जनता को ‘नागरिक’ नहीं, ‘ग्राहक’ समझती है। भाजपा की सोच व्यावसायिक है, इसीलिए वो ‘लाभ’ के बारे में सोचती है, जनकल्याण के बारे में नही। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गुरुवार को एक पोस्ट में अखिलेश ने कहा बीमा जैसे संवेदनशील-संकटकालीन उपचार में सौ प्रतिशत विदेशी पूंजी के निवेश को अनुमति देना क्या भाजपा के नेतृत्ववाली सरकार द्वारा ‘बीमा क्षेत्र’ को ही जोखिम में डालना नहीं है।
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आगे कहा कि कई बार विभिन्न कारणों से वैदेशिक संबंधों में उतार-चढ़ाव और खटास के दौर भी आते हैं, ऐसे में कुछ भी व्यवधान आया तो विदेशी कंपनी की जिम्मेदारी और जवाबदेही कैसे सुनिश्चित की जाएगी, इस अनिश्चितता का बीमा कौन करेगा। क्या अपने देश के बीमा लेनेवालों के अधिकारों की सौ प्रतिशत गारंटी लेने के लिए भाजपा जैसी जुमला सरकार पर देशवासी भरोसा कर सकते हैं।
शर्तों को बड़े अक्षरों में छापकर पर्दा उठाएं
सवाल उठाते हुए सपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि नये प्रावधानों से विदेशी बीमा कंपनियों के हितों की तो सौ प्रतिशत सुरक्षा हो जाएगी, लेकिन बीमा लेनेवाले हमारे देश के लोगों का क्या होगा। माना ये विदेशी कंपनियां जमा हुई बीमा राशि को पूरी तरह देश में ही निवेश करती हैं तब भी ये सवाल तो उठेगा ही कि वो जो लाभ कमाएंगी, क्या उसका आधा भी हमारे देश में लगाएंगी या पूरा ही अपने देश ले जाएंगी। ये बातें जनता के सामने एकदम साफ-साफ आनी चाहिए। बीमा जैसे जटिल विषयों पर छोटे अक्षर-आकार में छपी बातों और शर्तों को बड़े अक्षरों में छापकर संदेह से परदे उठाने का उत्तरदायित्व सरकार पर है। इस मामले में जल्दीबाजी अच्छी नहीं।
गारंटी दे कि वो विदेशी कंपनियों के लाभ…
अखिलेश ने मांग करते हुए आज यह भी कहा कि भाजपा सरकार ये भी गारंटी दे कि वो विदेशी कंपनियों के लाभ में से चंदा वसूली करके, पीठ पीछे प्रीमियम को बढ़ाने का खेल खेलकर जनता की जेब पर डाका नहीं डालेगी। अगर भाजपा को सच में जनता का ख़्याल है तो उन्होंने अपने भाजपाई शासन काल में बीमा प्रीमियम पर जो टैक्स थोप दिया है, वो हटाकर दिखाए। वैसे भी अच्छी स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवा का दायरा बढ़ाकर लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ाने और उनको मेडिकल के महा-खर्चों से बचाने की जिम्मेदारी सरकार की ही है, ऐसे में वो जीवन या स्वास्थ्य-चिकित्सा बीमा जैसे जनता से सीधे जुड़े क्षेत्रों पर टैक्स लेने का अधिकार ही नहीं रखती है। ये तो सरकार की जनता के प्रति नैतिक जिम्मेदारी बनती है। अगल सरकार नाकाम है तो उसका खामियाजा जनता क्यों भरे।
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