राज्याभिषेक दिवस पर अखिलेश का ऐलान, सपा सरकार में गोमती रिवरफ्रंट पर स्‍थापित होगी शिवाजी की प्रतिमा, स्वर्ण जड़ित होगा सिंहासन

शिवाजी महाराज
प्रेसवार्ता में बोलते अखिलेश यादव।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक दिवस के अवसर पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को याद किया। साथ ही कहा कि शिवाजी महाराज भारतीय इतिहास के गौरव हैं, जिन्होंने देश की आन-बान-शान के लिए साहसिक और चुनौतीपूर्ण लड़ाइयां लड़ीं। हम उनके शौर्य को नमन करते हैं।

इस दौरान समाजवादी पार्टी कार्यालय में छत्रपति विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें सपा मुखिया ने कहा कि सपा की सरकार बनने पर आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से एक वर्ल्ड क्लास म्यूजियम बनाया जाएगा। देश का सबसे बेहतरीन आर्किटेक्ट काम करेंगे और आगरा को ऐतिहासिक दृष्टि से गौरवशाली बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि लखनऊ के गोमती रिवरफ्रंट पर महाराज शिवाजी की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी और उनका सिंहासन स्वर्ण जड़ित होगा।

वहीं अखिलेश एक ने प्रेसवार्ता में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को दुर्गंध से प्रेम है, जो लोग हम पर निराधार आरोप लगाते हैं, उन्हें बिना मास्क लगाए गोमती नदी की सैर कर लेनी चाहिए, तब उन्हें समझ आएगा कि हमने कितने सुधार किए हैं। साथ ही कहा कि भाजपा को अच्छे काम रास नहीं आते, चाहे वह रिवरफ्रंट हो या म्यूजियम। साथ ही अखिलेश ने विश्वास जताया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा को केवल ‘सस्पेंड’ ही नहीं करेगी बल्कि पूरी तरह से ‘खारिज’ कर देगी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “जिनका नारा था ‘जीरो टॉलरेंस’, वही अब पूरी तरह से जीरो हो चुके हैं।”

इसके अलावा पंचायत चुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने चिंता जताई कि विपक्षी दलों पर पुलिस का दवाब बनाया जाएगा। अगर विपक्ष को डराने के लिए पुलिस का इस्तेमाल होगा, तो निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “उत्तर प्रदेश में अब पुलिस खुद पर ही भरोसा नहीं कर रही है।” इस दौरान अब्बास अंसारी की सदस्यता रद किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह फैसला जातीय आधार पर लिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या अब सरकार हमारे डीएनए भी चेक करेगी?” उन्होंने यह भी पूछा कि यदि सदस्यता भाषणों के आधार पर रद की जा सकती है, तो फिर सत्ता पक्ष के भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं होती?

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इतना ही नहीं अखिलेश यादव ने लोक भवन का उदाहरण देते हुए कहा कि समाजवादी सरकार ने इसका निर्माण कराया था, लेकिन भाजपा ने उसका नाम बदलकर अपना श्रेय लेना शुरू कर दिया। “हमने कभी अपनी प्रतिमा नहीं लगवाई, लेकिन ये लोग दूसरों के काम पर अपना बोर्ड लगा रहे हैं।” सरकार की नीतियों पर कटाक्ष करते हुए सपा सुप्रीमो ने कहा, “भाजपा सरकार ने खुद कोई बिजली नहीं बनाई. वे सिर्फ समाजवादी सरकार की योजनाओं का नाम बदलकर प्रचार कर रहे हैं।”

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