आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ की मंडलायुक्त रोशन जैकब के कार्यालय पर भारतीय जनता पार्टी का विज्ञापन लगाए जाने का आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने बुधवार को विरोध किया है। साथ ही आज यूपी के डीजीपी को पत्र भेज कर मंडलायुक्त, लखनऊ कार्यालय पर भाजपा का निजी विज्ञापन लगाए जाने के मामले में एफआइआर की मांग की है। जबकि लेटर की प्रति मंडलायुक्त को भी भेजी गई है।
बिना मुद्रक प्रकाशक के विज्ञापन
अपनी शिकायत में अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मंडलायुक्त लखनऊ के सरकारी कार्यालय पर मुद्रक और प्रकाशक के नाम के बिना भाजपा का एक विज्ञापन लगाया गया है। देखने में ये सरकारी विज्ञापन जैसा लगता है किंतु इस पर भाजपा का कमल निशान बना है, जिससे साफ है कि यह निजी विज्ञापन है।
इस विज्ञापन पर किसी प्रकाशक और मुद्रक का नाम भी नहीं लिखा गया है, जो नियमानुसार होना चाहिए। साथ ही आजाद अधिकार सेना प्रमुख ने मंडलायुक्त कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण सरकारी संस्थान पर इस प्रकार के निजी विज्ञापन को लगाए जाने पर गंभीर आपत्ति प्रकट करते हुए तत्काल एफआइआर की मांग की है।
सरकारी विज्ञापन में अमित शाह की फोटो अवैध
वही इससे पहले पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने यूपी के मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर यूपी में सूचना निदेशालय के विज्ञापनों में गृह मंत्री, भारत सरकार अमित शाह की फोटो लगाए जाने के संबंध में कार्यवाही की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कॉमन कॉज केस में वर्ष 2015 और 2016 के अपने आदेश द्वारा सरकारी विज्ञापनों में मात्र भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाए जाने की अनुमति दी थी।
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इसके विपरीत पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के सरकारी विज्ञापनों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ अमित शाह की तस्वीर भी लगाई जा रही है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन दिखता है। इस संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री से सूचना निदेशक द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने के संबंध में कार्रवाई की मांग की थी।