आरयू ब्यूरो, लखनऊ। जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर जेल में हुए जानलेवा हमले से हड़कंप मच गया है। जहां इस घटना ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वही घायल अवस्था में गायत्री प्रजापति ने बताया कि हमलावर का नाम विश्वास है और वे एक शातिर अपराधी है। उन्होंने कहा कि “मैं सौभाग्यशाली हूं कि इस हमले में बच गया। सब कुछ बहुत अचानक हुआ। मेरा किसी के साथ कोई विवाद नहीं था।” वहीं आज पत्नी और बेटियों ने उनसे मुलाकात की। साथ ही उन्हें जमानत देने की मांग करते हुए कई सवाल भी उठाएं।
जानकारी के मुताबिक पिछली सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति पर मंगलवार रात जिला जेल में एक बंदी ने रॉड से हमला कर दिया जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। गायत्री की पत्नी व बेटियों ने बुधवार सुबह उनसे मुलाकात की। गायत्री की बेटी ने कहा कि पिता के सिर में 18 से 20 टांके लगे हैं। उन पर पूरी साजिश के तहत हमला किया गया है।
जेल में भी सुरक्षित नहीं, दी जाए जमानत
साथ ही कहा कि उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई। अगर वो जेल में भी सुरक्षित नहीं हैं तो कहां सुरक्षित होंगे। हमें न्यूज चैनल के जरिये उन पर हमले की जानकारी हुई। हम सरकार से मांग करते हैं कि हमें न्याय दिया जाए और उन्हें जमानत दी जाए। गायत्री की दूसरी बेटी ने कहा कि मेरे पिता निर्दोष हैं। बड़े-बड़े अपराधियों को जमानत मिल जा रही है लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली।
आगे कहा न्यायालय हमारी बात नहीं सुनता है जिसके पास भी हमारी फाइल होती है वो फेंक दी जाती है। अगर मेरे पिता को कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा। उन्होंने बताया कि हमले के दौरान बचाव की कोशिश में उनके हाथों में भी चोट लगी है। वहीं, गायत्री की पत्नी व विधायक महाराजी देवी ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि उनके साथ न्याय हो और उन्हें जमानत दी जाए।
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जेल सूत्रों के अनुसार, एक सफाई कर्मचारी ने कहासुनी के बाद प्रजापति पर हमला कर दिया, जिससे उनके सिर में पांच टांके लगे हैं। बेहतर इलाज के लिए उन्हें केजीएमयू में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। प्रजापति ने 2012 में सपा के टिकट पर विधायक बनकर मंत्री पद तक का सफर तय किया था, लेकिन 2017 में रेप के एक मामले में उन्हें 2021 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई।