भारतीय रुपये में ऐतिहासिक गिरावट, 90 के पार पहुंचा डॉलर

डाॅलर

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमाम दावों के बाद भी भारतीय करेंसी रुपया में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। हर रोज गिरने का नया रिकॉर्ड बनाते हुए बुधवार को इंडियन रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 90.26 तक आ गया, जो इसका रिकॉर्ड लो-लेवल है। डॉलर के मुकाबले रुपए का गिरना सिर्फ अर्थव्यवस्था की समस्या नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर हर उस आम आदमी पर पड़ता है जो रोजमर्रा की चीजें खरीदता है, गैजेट्स इस्तेमाल करता है, लोन चुकाता है या बच्चों की पढ़ाई के पैसे देता है।

रुपये के ताजा हाल के बारे में बात करे तो बुधवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 89.97 के स्तर पर खुला और फिर अचानक कुछ ही देर में ये फिसलकर 90 प्रति डॉलर के नीचे आ गया। खबर लिखे जाने तक रुपया फिसल कर 90.26 के अपने सबसे निचले स्तर पर ट्रेड कर रहा था। दरअसल भारतीय रुपया के लिए 2025 भी बेहद खराब साबित होता नजर आया है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक इंडियन करेंसी करीब पांच फीसदी के आस-पास फिसल चुकी है। बुधवार को खुलने के साथ ही रुपया इससे भी नीचे अपने नए लो-लेवल पर आ गया।

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गौरतलब है कि जब किसी देश की करेंसी तेजी से टूटती है, तो इसे उस देश की इकोनॉमी के लिए ठीक नहीं माना जाता है। ऐसे में रुपया में गिरावट पर ब्रेक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाना बेहद जरूरी है। इसके तमाम तरह के नुकसान देखने को मिलते हैं, जिनमें महंगाई बढ़ने का जोखिम सबसे आगे है। इसे सीधे शब्दों में समझें, तो डॉलर के मुकाबले रुपये के लगातार कमजोर होने का असर पेट्रोलियम पदार्थों पर दिखाई देता है।

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