आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। योगी सरकार के गड्ढा मुक्त सड़कों के अरमान पर चोट पहुंचाने वाले नौ अफसर और इंजीनियरों पर आज शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है। इतना ही नहीं इस काम में गड़बड़ी करने वाले तीन अपर मुख्य अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के अलावा पांच अन्य अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। पंचायतीराज राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भूपेंद्र सिंह चौधरी के निर्देश पर की गयी इस कार्रवाई से भ्रष्ट अफसर और इंजीनियरों में हड़कंप है।
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भूपेंद्र सिंह ने अपने कार्यालय में मीडिया को बताया कि प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। इसी संदर्भ में प्रदेश के 24 जिलों के जिला पंचायतों द्वारा गड्ढ़ा मुक्त की गयी सड़कों का आकस्मिक निरीक्षण कराये जाने का शासन स्तर से निर्णय लिया गया था। निरीक्षण के दौरान गुणवत्ता में कमी और काम में ढिलाई पाए जाने पर कार्रवाई की गयी है। उन्होंने कहा काम में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी आगे भी बरदाश्त नहीं की जाएगी।
ये अफसर इंजीनियर हुए निलंबित
पंचायतीराज राज्य मंत्री के अनुसार कुशीनगर के अपर मुख्य अधिकारी, उमेश पटेल समेत अभियंता जिला पंचायत केएन गुप्ता, अवर अभियंता सुनील प्रताप सिंह, अवर अभियंता कपिल देव यादव, तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत गोरखपुर एसके सिंह, तत्कालीन अभियंता जिला पंचायत एलडीबी सिंह, तत्कालीन अवर अभियंता ओपी सिंह, अवर अभियंता डीपी सिंह तथा अवर अभियंता एके सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
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इनके खिलाफ हो रही विभागीय कार्यवाही
वहीं अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत बस्ती उदय शंकर सिंह, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत शाहजहांपुर शिशुपाल यादव, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत जालौन अरूण कुमार सिंह के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जा रही है।
इनसे मांगा गया स्पष्टीकरण
जबकि जिला पंचायत फरूर्खाबाद के अपर मुख्य अधिकारी उज्जवल अम्बेश, झांसी के प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी कमलेश सिंह, खीरी के अपर मुख्य अधिकारी अशोक कुमार सिंह, खीरी की अभियंता कल्पना सिंह एवं अवर अभियंता सत्येन्द्र श्रीवास्तव के कार्य संतोषजनक न पाये जाने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। भूपेंद्र सिंह के अनुसार स्पष्टीकरण संतोषजनक न पाये जाने पर इनके खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
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