आरयू ब्यूरो
लखनऊ। शहर की सूरत और जनता के सुकून को छीनने के लिए चर्चां मे रहने वाले लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपने ऑफिस को भी नहीं बख्शा है। अधिकारियों की लापरवाही और इंजीनियरों के भ्रष्टाचार के चलते गोमतीनगर स्थित एलडीए कार्यालय वर्तमान में अराजकता का अड्डा बना चुका है।
शाम होते ही जहां दूसरे सरकारी कार्यालय में सन्नाटा पसरने लगता है तो एलडीए में चहल-पहल बढ़ जा रही है। इन सबके बीच हैरत की बात यह है कि तीन दिन पहले चीफ इंजीनियर ओपी मिश्रा के कार्यालय में करोड़ों के ठेके को लेकर ठेकेदारों में हुई खूनी जंग के बाद भी अधिकारी नहीं जागे है।
सिर्फ कमीशनखोरी के लिए लगवाए गए डेढ़ करोड़ के कैमरें !
2015 में बनकर तैयार हुई एलडीए की नई बिल्डिंग में इंजीनियरों ने एक दो नहीं करीब नब्बे सीसीटीवी कैमरें कदम-कदम पर लगवा दिए, लेकिन डेढ़ करोड़ की लागत वाले इन कैमरों का इस्तेमाल नहीं किया गया। यही वजह है कि चीफ इंजीनियर ओपी मिश्रा के कमरे के बाहर ही तीन सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बाद भी ठेकेदार आपस में भिड़ गए।
इतना ही नहीं कैमरे के नीचे ही मनबढ़ सिगरेट के छल्ले उड़ाने के साथ ही पान व गुटखा थूकते हुए आपको मिल जाएंगे, लेकिन कई चेतावनी बोर्ड पर ढेरों नियम-कानून लिखने के बाद भी एलडीए ने धूम्रपान करने वाले एक भी व्यक्ति के खिलाफ सालों से कार्रवाई नहीं की।
कैमरों की देख-रेख के लिए किसी की जिम्मेदारी तय नहीं होने के चलते कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम भी अक्सर लावारिस हालत में रहता है। कुल मिलाकर पूरी दुनिया में अपराध और भ्रष्टाचार लगाम कसने के लिए कुख्यात तीसरी आंख एलडीए में खुद ही भ्रष्टाचार का माध्यम बनकर रह गई। कुछ ऐसी ही हालात पुरानी बिल्डिंग में लगाए गए 75 सीसीटीवी कैमरों के भी है।
…लोगों को अब भी याद आते है प्रभात कुमार
एलडीए के एक पुराने अधिकारी ने इस पूरे मामले पर अफसोस जताते हुए बताया कि हालात बदत्तर होते जा रहे हैं। जल्द ही जिम्मेदार नहीं चेते तो किसी दिन कोई बड़ी घटना कार्यालय में घट सकती है। ईमानदार के साथ ही तेज-तर्रारा उपाध्यक्षों में गिने जाने वाले डा. प्रभात कुमार ने 1998 में अपने छह महीने से भी कम के कार्याकाल में एलडीए को न सिर्फ जबरदस्त तरीके से आर्थिक रूप से मजबूत किया था, बल्कि अनुशासन के मामले में भी काफी हद तक सुधार दिया था।
जिम्मेदार अधिकारियों का दावा-
कार्यालय में अनुशासन बिगाड़ने अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डीएम व एलडीए वीसी सत्येन्द्र सिंह यादव
पूरे मामले की निगरानी करने के साथ ही चीफ इंजीनियर से जवाब मांगा जाएगा।
एलडीए सचिव अरुण कुमार