आरयू इंटरनेशनल डेस्क।
अपने विदेश दौरे पर दक्षिण कोरिया पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सियोल के ब्लू हाउस में नरेंद्र मोदी का दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून-जे-इन और फर्स्ट लेडी किम जंग सूक ने स्वागत किया।
इस दौरान पीएम ने युद्ध में मारे गए एक लाख 65 हजार कोरियाई सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि ‘मैंने अनुभव किया है कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और कोरिया की नई दक्षिणी नीति का तालमेल हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने का मंच प्रदान कर रहा है।
कोरिया से जुड़े अपने लगाव को साझा करते हुए पीएम बोले कि मैं जब प्रधानमंत्री नहीं बना था, तब से यह बात कहता आ रहा हूं कि भारत के विकास के लिए कोरिया का मॉडल शायद सबसे अनुकरणीय हैं। कोरिया की प्रगति भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इसलिए कोरिया की यात्रा करना मेरे लिए प्रसन्नता का विषय होता है।
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मोदी ने आगे कहा कि बीती 14 फरवरी को पुलवामा में हुआ आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति मून के संवेदना और समर्थन भरे संदेश के लिए मैं दिल से उनका आभार प्रदान करता हूं।’ हम आतंकवाद के खिलाफ अपने द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एमओयू पर बात करते हुए पीएम बोले कि आज भारत के गृह मंत्रालय और कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के बीच संपन्न हुआ एमओयू हमारे आतंकवाद विरोधी सहयोग को और आगे बढ़ाएगा। अब समय आ गया है कि वैश्विक समुदाय भी बातों से आगे बढ़कर, इस समस्या के विरोध में एकजुट हो कर कार्यवाही करें।
साथ ही, उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या में आयोजित ‘दीपोत्सव’ महोत्सव में प्रथम महिला किम की मुख्य अतिथि के रूप में भागीदारी हमारे लिए सम्मान का विषय था। उनकी यात्रा से हजारों वर्षों के हमारे सांस्कृतिक संबंधों पर एक नया प्रकाश पड़ा और नई पीढ़ी में उत्सुकता और जागरूकता का वातावरण बना।
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मोदी ने आगे कहा कि आज सियोल शांति पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान का विषय होगा। मैं यह सम्मान अपनी निजी उपलब्धियों के तौर पर नहीं, बल्कि भारत की जनता के लिए कोरियाई जनता की सद्भावना और स्नेह के प्रतीक के तौर पर स्वीकार करूंगा।