आरयू ब्यूरो, लखनऊ/इटवा। भतीजे से रूठकर समाजवादी पार्टी से अलग हुए शिवपाल यादव के रुख लंबे समय के बाद नरम पड़ते दिख रहे हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मंगलवार को इटावा के सिंचाई भवन में अपनी पार्टी की बैठक के दौरान मीडिया से साफ कहा कि वह गठबंधन के मामले में सिर्फ समाजवादी पार्टी को वरीयता देंगे। वह अखिलेश यादव को एक बार फिर से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रसपा प्रदेश भर में 22 नवंबर को नेताजी मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मना रही है। इस मौके पर शिवपाल परिवार के सभी लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। इस दौरान शिवपाल ने कहा कि ‘हम चाहते हैं नेता जी के जन्मदिन पर परिवार में एकता बढ़ जाए तो अच्छा है। हमारा प्रयास है भतीजा समझ लेगा तो सरकार बना लेगा, मुख्यमंत्री हमें तो बनना नहीं है।’ हमारी प्राथमिकता है समाजवादी पार्टी, क्योंकि हमने बहुत लंबे समय तक नेताजी के साथ काम किया है हमारी विचारधारा भी समाजवादी है।
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वहीं भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार शहरों के नाम बदल रही है इससे कोई भला होने वाला नहीं है। जब तक विकास नहीं होगा और बेरोजगारी दूर नहीं की जाएगी तब तक जनता का भला नहीं होने वाला है। गोरखपुर, जौनपुर व अमेठी में अपराध की बड़ी घटनाएं हाल ही में घटी हैं। किसी भी सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार के बगैर काम नहीं हो रहा है।
पॉवर कारपोरेशन के कर्मचारियों की हड़ताल पर उन्होंने कहा कि भविष्य निधि घोटाले की सरकार को जांच कराई जानी चाहिए। यह पैसा कर्मचारियों को मिलना चाहिए यह सरकार सुनिश्चित करे। उन्होंने यह भी कहा कि यह धन सपा सरकार में नहीं दिया गया था बल्कि भाजपा सरकार बनने के बाद दिया गया है।
मालूम हो कि अभी हाल ही में चाचा-भतीजे यानी शिवपाल और अखिलेश यादव एक साथ मुलायम सिंह यादव के घर पर दिखााई दिए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलायम सिंह यादव का हाल चाल जानने उनके घर पहुंचे थे तो शिवपाल और अखिलेश साथ नजर आए थे। इससे पहले भी अखिलेश यादव ने शिवपाल को पार्टी में वापस आने का इशारों-इशारों में न्योता दिया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी थी।