आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लोकसभा से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल आज राज्यसभा में पास कराने के लिए पेश किया जा रहा है। वहीं इस विधेयक के विरोध में विपक्ष भी लामबंद हो गया है। इसी क्रम में बुधवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इसका विरोध करते हुए बिल को विभाजनकारी व असंवैधानिक करार दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज सुबह सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि बीएसपी का पुनः यह कहना है कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूरी तरह विभाजनकारी व असंवैधानिक है। इसकी वजह से ही बीएसपी ने लोकसभा में इसके विरोध में अपना मत दिया और आज राज्यसभा में भी बसपा का यही स्टैण्ड रहेगा।
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यहां बताते चलें कि देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है, और उनकी चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक का संसद के निचले सदन लोकसभा में आसानी से पारित हो जाना तय है, लेकिन राज्यसभा में, जहां केंद्र सरकार के पास बहुमत नहीं है, इसका पारित हो जाना आसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक का उद्देश्य छह समुदायों हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। बिल के जरिये मौजूदा कानूनों में संशोधन किया जाएगा, ताकि चुनिंदा वर्गों के गैरकानूनी प्रवासियों को छूट प्रदान की जा सके। चूंकि इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए विपक्ष ने बिल को भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ और लोगों को बांटने वाला बताते हुए इसका विरोध कर रही है।