आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी में गणतंत्र दिवस की तैयारी जोरों पर है। बुधवार को 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस परेड की पहली रिहर्सल हुई। परेड में सेना और पुलिस-पीएसी के जवानों के साथ कई स्कूलों के बच्चों ने भी हिस्सा लिया। रिहर्सल के दौरान एक तरफ सड़कों पर जहां आधुनिक टी-90 टैंक (भीष्म), 122 एमएम लाइट फील्ड गन ने सेना की ताकत दिखाई। वहीं, भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन के शौर्य से बच्चों ने रूबरू कराया।
परेड की शुरूआत आज सुबह नौ बजे के करीब चारबाग रेलवे स्टेडियम के सामने रवींद्रालय से हुई। विधानसभा के समक्ष बच्चों ने सलामी देकर इस पल को और यादगार बना दिया। स्कूली बच्चों ने फ्लैग मार्च भी किया। रिहर्सल के दौरान वाल्मीकि मार्ग तिराहे व केडी सिंह स्टेडियम के पास पहुंचते ही तारों के जाल ने परेड की रफ्तार रोक दी। टैंक और सेना की गाड़ियों पर बैठे जवानों को डंडे के सहारे तारों को ऊंचा कर परेड को आगे बढ़ाया। वहीं परेड के चलते हजरतगंज व आसपासी की सड़कों पर काफी देर तक जाम की स्थिति भी बनी रही।
रिहर्सल में आधुनिक टी-90 टैंक (भीष्म) भी शामिल हुआ। यह तीसरी पीढ़ी का रूसी टैंक है, जो कि टी-72 का आधुनिक वर्जन है। आधुनिक टी-90 टैंक (भीष्म) की मेन गन 125 एमएम की है। रूस निर्मित इस टैंक में लेजर, एनबीसी प्रोटेक्शन, मिसाइल फायरिंग जैसी क्षमता होती है। यह टैंक 7.62 एमएम पीकेटी की गन से दो हजार और 12.7 एमएम एंटी एयरक्राफ्ट गन से 300 राउंड फायरिंग कर सकता है। इस टैंक में क्रू सदस्यों की संख्या तीन होती है। यह एक बार ईंधन भरने के बाद 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से 550 किलोमीटर तक दौड़ सकता है।
इस दौरान 122 एमएम लाइट फील्ड गन द्वारा भी अभ्यास किया गया। इस फील्ड गन में 122 एमएम कैलिबर की गन है, जो कि करीब 21.9 किलोमीटर की दूरी तक अपने लक्ष्य को निशाना बना सकती है। औसतन यह गन प्रति मिनट छह से सात राउंड फायर करती है। हालांकि, इसकी अधिकतम फायर क्षमता 10 से 12 राउंड प्रति मिनट है।
वहीं एडीएम पूर्वी केपी सिंह के मुताबिक, परेड के पूर्वाभ्यास में सेना के हथियार और झांकियां शामिल नहीं होगी। केवल स्कूली बच्चे, सेना और पुलिस-पीएसी के जवान रहेंगे। 24 को होने वाली परेड फुल ड्रेस होगी। जिसमें सेना के हथियारों के अलावा झाकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। परेड के लिए पुलिस लाइन में 12 जनवरी से बच्चों का पूर्वाभ्यास चल रहा है।