आरयू वेब टीम। दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस की कार्रवाई को लेकर हाई कोर्ट ने सुनवाई की। अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली में दूसरा ‘1984’ नहीं होने देंगे। 1984 में सिख दंगा हुआ था, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई और भाजपा नेताओं का वीडियो भी देखा। कोर्ट ने कहा कि केवल इन तीन-चार क्लिप तक हम सीमित नहीं रहेंगे। ऐसी सारी क्लिप पर एफआइआर दर्ज करें। हर भड़काऊ भाषण पर एफआइआर दर्ज कीजिए। सीएए को लेकर हिंसा के मामलों को लेकर अब तक कोई मामला दर्ज न होने पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई।
कोर्ट में चार भाजपा नेताओं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद प्रवेश वर्मा, विधायक अभय वर्मा और पूर्व विधायक कपिल मिश्रा के वीडियो अदालत में चलवाए गए। कोर्ट में अनुराग ठाकुर का वह वीडियो चलाया गया जिसमें नारा लग रहा है- ‘देश के गद्दारों को गोली मारो…’ बीजेपी विधायक अभय वर्मा का वीडियो भी चलाया गया। यह कल शाम का वीडियो है। कोर्ट ने पुलिस से कहा कि क्या वहां 144 लगी हुई थी? पुलिस ने कहा कि नहीं, लक्ष्मी नगर में 144 नहीं लगी थी।
याचिककर्ता के वकील कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि यह सभी वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन इनके बयानों से इनकी नीयत पता चलती है। इन्हें प्राउड होता है अपने इस तरह के स्लोगन पर। लिहाजा कोर्ट को इन लोगों को जेल भेज देना चाहिए। हाई कोर्ट ने पूछा कौन सा डीसीपी वीडियो में कपिल मिश्रा के साथ खड़ा है क्या नाम है? कोर्ट में मौजूद अधिकतर वकीलों ने कहा डीसीपी सूर्या।
याचिकाकर्ता ने दिल्ली आर्मी बुलाने की मांग की। कोर्ट ने कहा ‘अभी हालात देखने दीजिए, ज़रूरत नहीं है।’ याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अगर विवादित बयान पर दिल्ली पुलिस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करती तो दिल्ली में हिंसा नहीं होती। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कपिल मिश्रा ने जो स्पीच में कहा, उसका उसके बाद हुई हिंसा की घटनाओं से कोई सीधा वास्ता नहीं है। एफआइआर संजीदा मसला है। उस पर फैसला लेने के लिए बाकी मटेरियल को देखना होगा। इसके लिए और वक्त चाहिए।
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दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने एसजी तुषार मेहता की दलील का विरोध किया। उन्होंने कहा कि कपिल मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज न करने का कोई औचित्य नजर नहीं आता। एफआइआर हर एक संदेह की स्थिति में दर्ज होनी चाहिए। अगर बाद में एफआइआर गलत पाई जाए तो एफआइआर रद्द हो सकती है। एसजी तुषार मेहता ने सिलेक्टेड स्पीच वीडियो दिखाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह सिलेक्ट किया गया है। दूसरी तरफ के भी वीडियो हैं उसे क्यों नही दिखाया गया। यहां अपना पॉलिटकल एजेंडा पूरा किया जा रहा है।
तुषार मेहता ने कहा कि पुलिस के ऊपर तेजाब से हमला हो रहा है, पुलिस को लिंच किया जा रहा है। पुलिस वाले अस्पताल में भर्ती हैं। आज वो दिन नहीं हम पुलिस पर सवाल उठाएं और कोर्ट पाबंदी लगाए, कुछ सिलेक्टेड वीडियो देखकर फैसला न किया जाए। कोर्ट ने तुषार मेहता के कथन पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि आपके शब्द सुनने से ऐसा लगता है कि पुलिस को आप और खराब पोजीशन में ला रहे हैं। राज्य जल रहा है और पुलिस एफआइआर दर्ज नहीं करेगी। सबको बचाना पुलिस का संवैधानिक अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि अब पुलिस से पूछते हैं, पीछे मुड़िए, पुलिस अधिकारी से पूछिए कितने मर चुके हैं?
तुषार मेहता ने जज से कहा कि आप गुस्सा मत होइए। जज ने कहा कि क्यों गुस्सा नहीं होऊं? आप बताईये अभी तक क्यों एफआइआर दर्ज नहीं हुईं। 15 दिसंबर को एफआइआर दर्ज होना चाहिए थी, आज तक क्यों नही हुई। पुलिस अफसर को बोलने दीजिए। तुषार मेहता आप उनको केवल असिस्ट करिए। तुषार मेहता ने कहा कि हम यहां से पुलिस डिपार्टमेंट नहीं चला सकते। कोर्ट ने कहा कि क्या बात करते हैं? मेहता ने कहा कि आज नहीं अभी हालात नहीं हैं। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को एफआइआर दर्ज न होने पर आड़े हाथ लिया।
कोर्ट ने कहा कि वीडियो में देख सकते हैं कि एक पुलिस अफसर खड़े हैं, कपिल मिश्रा के बगल में, जैसी स्पीच दी, क्या उसकी जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी? डीसीपी ने कहा उस समय बड़ी मुश्किल से कपिल मिश्रा को वहां से निकाला। वहां कपिल मिश्रा के जाने के बाद स्थानीय लोग सड़क पर बैठ गए।
तुषार मेहता ने कहा, वहां के हालात उस दिन के खराब थे। कोर्ट ने कहा कि लक्ष्मी नगर के वीडियो के बारे में क्या बोलेंगे? 15 दिसंबर से 26 फरवरी आ गई आप एफआइआर तक नहीं कर रहे हैं? अगर एफआइआर ही नहीं करोगे तो जांच कैसे होगी? किस आधार पर आप आगे बढ़ेंगे। आप एफआइआर नहीं करेंगे तो ऐसी स्पीच और बढ़ती जाएंगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि एफआइआर दर्ज करो। मामले में कल सुनवाई करेंगे। केवल इन तीन-चार क्लिप तक हम सीमित नहीं रहेंगे। ऐसी सारी क्लिप पर एफआइआर करो। कोर्ट ने कहा कि आप कमिश्नर को हमारा गुस्सा और नाराजगी बता दीजिए। कोर्ट ने कहा दिल्ली जल रही है।