आरयू इंटरनेशनल डेस्क। बांग्लादेश के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले बंगबंधु शेख मुजीबुर्ररहमान समेत उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करने के मामले में सजायाफ्ता सेना के बर्खास्त कैप्टन अब्दुल माजिद को रविवार को फांसी पर लटका दिया गया। माजिद को केरानीगंज स्थित ढाका सेंट्रल जेल में फांसी दी गई।
यह जानकारी जेलर महबूबुल इस्लाम ने मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि जिस समय फांसी दी गई, आइजी जेल ब्रिगेडियर जनरल एकेएम मुस्तफा कमाल पाशा और ढाका के सिविल सर्जन के साथ ही जिलाधिकारी भी मौजूद रहे। इस संबंध में बताया जा रहा है कि दफनाने के लिए माजिद का शव उसके गांव भोला भेजा जाएगा।
बता दें कि शनिवार की रात को परिवार के सदस्यों ने जेल में माजिद से मुलाकात की। माजिद से मुलाकात करने वालों में उसकी पत्नी सालेहा, बहनोई और चाचा के साथ ही परिवार के पांच सदस्य शामिल थे। वे रात के समय जेल पहुंचे। परिजनों से माजिद की अंतिम मुलाकात लगभग 25 मिनट तक चली।
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गौरतलब है कि राष्ट्रपति अब्दुल हमीद ने आठ अप्रैल को माजिद की दया याचिका खारिज कर दी थी। उसी दिन ढाका के जिला और सत्र न्यायाधीश ने माजिद को फांसी देने के लिए डेथ वॉरंट जारी कर दिया था। इससे पहले सात अप्रैल को ही काउंटर टेररिज्म एंड ट्रांसनेशनल क्राइम (सीटीटीसी) यूनिट की एक टीम ने मीरपुर इलाके से माजिद को गिरफ्तार किया था।
बताते चलें कि शेख मुजीबुर्ररहमान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता थे। वह बांग्लादेश के पहले प्रधानमंत्री भी रहे। मुजीबुर्ररहमाने के साथ ही उनके परिवार के कई सदस्यों की 15 अगस्त 1975 को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कोर्ट ने सेना के 12 अधिकारियों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने सभी को फांसी की सजा सुनाई थी। इनमें से पांच को साल 2010 में फांसी दे दी गई थी। वहीं, अब एक अन्य को भी फांसी दे दी गई है।