दोषियों की फांसी के बाद निर्भया की मां ने कहा, बेटों को सिखाना होगा कि ऐसा करोगे तो ऐसे ही मिलेगी सजा

दोषियों की फांसी
मीडिया बात करतीं निर्भया की मां साथ में अन्य । फोटो साभार, (एएनआइ)

आरयू वेब टीम। निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को आज भोर में साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई है। निर्भया की मां ने दोषियों की फांसी के बाद नम आंखों से बेटी की तस्वीर को गले लगा लिया। निर्भया की मां ने कहा, मैंने अपनी बेटी को तस्वीर को सामने रखकर उससे मन ही मन बात की।

इस दौरान उन्होंने कहा कि ”आज का दिन हमारे बच्चियों के नाम, हमारे महिलाओं के लिए.. देर से ही, लेकिन न्याय मिला.. हमारे न्यायिक व्यवस्था, अदालतों को धन्यवाद, इस केस में जिस तरह से एक-एक पिटिशन डाली गई। हमारे कानून की कमियां सामने आई और आज उसी संविधान पर सवाल उठ गया था, लेकिन एक बार फिर हमारा विश्वास हमारे देश के बच्चियों को इंसाफ मिला।

वहीं आज का दिन कैसे बिताएंगी, इस सवाल पर निर्भया की मां ने कहा, ”नहीं ऐसा नहीं सोचा कि जश्‍न मनाएंगे या कुछ खुशी मनाएंगे। जिस बच्ची ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ा उसे आज इंसाफ मिला।” हमारी बच्ची इस दुनिया में नहीं आने वाली, निर्भया को इंसाफ मिला, लेकिन आगे भी इस लड़ाई को जारी रखेंगे। आगे भी लड़ते रहेंगे कि ताकि आगे कोई निर्भया केस न हो। निर्भया की मां ने आगे कहा, ”इस फांसी के बाद हमारे बेटों को सिखाना पड़ेगा कि ऐसा करोगे तो ऐसा ही इंसाफ मिलेगा।

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बेटी को याद करने को लेकर निर्भया की मां ने कहा, ”मुझे अपनी बेटी पर गर्व है कि उसके नाम से देश ने सलाम किया। यह हमेशा दुख रहेगा कि आज वह होती तो डॉक्टर के नाम से पहचानी जाती, लेकिन अब मैं निर्भया के मां के नाम से जानी जाती हूं। मैं सभी परिवारों से कहना चाहूंगी कि अगर ऐसा कुछ होता है तो उसे सपोर्ट करें और उसके साथ दीजिए और उसे फांसी तक पहुंचाया जाए। हम जल्द ही एक पिटिशन डालेंगे, जो प्रक्रिया को सुधारने के लिए गुहार लगाएंगे, ताकि लोगों को इस कानूनी प्रक्रिया से गुजरना न पड़े, जिसमें एक साथ ही न्याय मिले।”

इससे पहले, निर्भया के पिता ने भी सिस्टम में खामी की बात कही थी। निर्भया के दोषियों को आज फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद पिता बद्रीनाथ ने कहा, “निर्भया को आज न्याय मिला है, समाज में एक संदेश जरूर गया है कि जो अपराध करेगा वह बचेगा नहीं, हमें आगे लड़ने की जरूरत है। सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हमें कानून में खामियों का पता चला है। दो चार दिन बाद वकीलों को बुलाकर मीटिंग करेंगे और इस मामले में कहां-कहां कमियां हैं उसका अध्ययन करके उसकी सूची बनाएंगे और सरकार से उन्हें दूर करने का आग्रह करेंगे।

उन्होंने कहा कि लड़ाई लंबी रही है, संतुष्ट हूं। समाज से नहीं सिस्टम से शिकायत है। बहुत लंबी लड़ाई लड़ी है। लोगों से यही कहूंगा कि बेटे और बेटी के बीच भेद न करें। मेरी बेटी जिंदा नहीं है पर मैने उसे बेटा ही माना। रात भर सुनवाई चली लेकिन हमें कोर्ट पर यकीन था।

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