आरयू वेब टीम। पूर्व राष्ट्रपति व भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया। भारत के 13वें राष्ट्रपति रख चुके प्रणब मुखर्जी ने 84 वर्ष की अवस्था में सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके बेटे अभिजीत बनर्जी ने सोमवार शाम ट्वीट कर निधन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दुखी मन से आप सबको सूचित करता हूं कि मेरे पिता प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है।
वहीं इस खबर के साथ ही देश भर में शोक की लहर दौड़ गयी है। पूर्व राष्ट्रपति के निधन के चलते देश में सात दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया गया है। प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के तमाम नेताओं व अन्य हस्तियों ने शोक व्यक्त करते हुए प्रणब दा को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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बताते चलें कि आज सुबह ही प्रणब मुखर्जी का स्वास्थ्य और ज्यादा खराब हो गया, क्योंकि फेफड़े में संक्रमण की वजह से उन्हें सेप्टिक शॉक लगा था। सेप्टिक शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं।
कोरोना रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव
उल्लेखनीय है कि बता दें कि प्रणब मुखर्जी का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद दस अगस्त को सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उनका कोरोना टेस्ट हुआ और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। डॉक्टरों ने बताया था कि पूर्व राष्ट्रपति के मस्तिष्क में खून का थक्का जम गया था जिसके बाद उनकी सर्जरी की गई थी। जिसके बाद वह गहरे कोमा में चले गए थे।
भारत के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर प्रणब मुखर्जी ने साल 2012 में शपथ ली थी और वह 2017 तक राष्टपति रहे। पूर्व राष्ट्रपति को साल 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 11 दिसंबर 1935 में जन्मे प्रणब मुखर्जी 2018 में आरएसएस के मुख्यालय नागपुर गए थे और वहां पर उन्होंने संघ के एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता के तौर पर हिस्सा लिया था। हालांकि, उनके इस कदम से कांग्रेस असहज हो गई थी।