आरयू ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष के हमले झेल रही योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य में महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों, दफ्तरों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपी एसएसएफ के पास होगी। प्राइवेट कंपनियां भी पेमेंट देकर एसएसएफ की सेवाएं ले सकेंगी। यूपी एसएसएफ को ढेर सारी शक्तियां दी गई हैं, जैसे बिना वारंट गिरफ्तारी और तलाशी की पावर।
एसएसएफ का मुख्यालय राजधानी लखनऊ में होगा और एडीजी स्तर का अधिकारी इस फोर्स का प्रमुख होगा। बिना सरकार की इजाजत के एसएसएफ के अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ अदालत भी संज्ञान नहीं ले सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 जून को उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल के गठन को मंजूरी दे दी थी। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए यूपीएसएसएफ के गठन की मंजूरी के बाद अब गृह विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
शुरुआत में यूपी एसएसएफ की पांच बटालियन गठित होंगी। जिसे स्पेशल पॉवर दी गई हैं। इसके तहत फोर्स के किसी भी सदस्य के पास अगर यह विश्वास करने का कारण है कि तलाशी वारंट इशू कराने में लगने वाले वक्त के दरमियान अपराधी भाग सकता है या अपराध के साक्ष्य मिटा सकता है, ऐसी स्थिति में वह उक्त अपराधी को गिरफ्तार कर सकता है। इतना ही नहीं वह तत्काल उसकी संपत्ति व घर की तलाशी भी ले सकता है, लेकिन शर्त यही है कि एसएसएफ जवान को यह पूर्ण विश्वास हो कि जिसके खिलाफ वह एक्शन ले रहा है उसने अपराध किया है।
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वहीं आज शाम इस बारे में लोकभवन में आयोजित एक प्रेसवार्ता में अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने पत्रकारों को पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा है कि यूपी में विशेष सुरक्षा बल अधिनियम 2020 लागू हो गया है। यह अधिनियम सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
डीजीपी तीन दिन में उपलब्ध कराएं एसएसएफ के गठन व क्रियान्वयन का खाका
इसके लिए डीजीपी को निर्देश दिये गये हैं कि यूपी में एसएसएफ के गठन व क्रियान्वयन का खाका तीन दिन में उपलब्ध कराएं। साथ ही इस बल के संचालन के लिए पदों के प्रस्ताव सात दिनों में, अधिनियम के उपबंधों के क्रियान्वयन के लिए नियमावली का प्रस्ताव 15 दिन में उपलब्ध कराने तथा तीन महीने में इस बल के प्रथम फेज लांच करने के लिए सुझाव दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
अवनीश अवस्थी ने बताया कि एसएसएफ यूपी पुलिस में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालय एवं परिसर व तीर्थ स्थल, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक अन्य वित्तीय, शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा व्यवस्था करेगी। साथ ही महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए वर्तमान में 9,919 कर्मी कार्यरत रहेंगे। विशेष सुरक्षा बल के रूप में प्रथम चरण में पांच बटालियन का गठन किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए कुल 1,913 नये पदों का सृजन किया जायेगा।
पांच बटालियन के गठन पर 1747.06 करोड़ रूपए अनुमानित व्यय
अपर मुख्य सचिव के अनुसार पांच बटालियन के गठन पर कुल व्यय भार 1747.06 करोड़ रूपए अनुमानित है जिसमें वेतन भत्ते व अन्य व्यवस्थाएं भी सम्मिलित हैं। इसके प्रथम चरण में पीएसी का सहयोग लेकर कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर शेयर करके इसको आगे ले जाया जायेगा। इस बल के सदस्य को विशेष पॉवर नियमावली के तहत दी जायेगी।
अभी यह प्राविधान किया गया है कि विशेष बल को विशिष्ट कार्य के लिए अधिकार के लिए अलग से नियमावली बनायी जायेगी। उन्होंने बताया कि बल के सदस्यगण यथा विहित वेतन और अन्य पारिश्रमिक प्राप्त करेंगे जैसा कि राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किया जायेगा। प्रथम चरण में आठ वाहिनियां और अग्रतर यथा विहित ऐसी वाहिनिया गठित की जायेगी जैसा कि राज्य सरकार द्वारा निर्देशित किया जायेगा। बल के अधीनस्थ अधिकारियों तथा सदस्यों की भर्ती यूपी पुलिस भर्ती तथा प्रोन्नति बोर्ड द्वारा की जायेगी जो राज्य सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा बनायी गयी सामान्य नियमावली के अनुसार होगी।
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अवनीश अवस्थी के अनुसार ऐसे सामान्य निर्देश जिन्हें राज्य सरकार द्वारा जारी किया जा सकता है के अध्यधीन किसी निजी औद्योगिक अधिष्ठान या किसी निजी क्षेत्र के अधिष्ठान के प्राधिकृत व्यक्ति से प्राप्त अनुरोध के आधार पर ऐसे अधिष्ठान को ऐसी रीति से और ऐसे शुल्क संदाय पर, जैसा कि विहित किया जाय, इस अध्यादेश के अधीन सेवाएं प्रदान करने के लिए बल के सदस्यों को निर्देश देना डीजीपी के लिए विधिसम्मत होगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि बल का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के किसी आदेश तथा किसी वारंट के बिना किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है। इसके अलावा बिना वारंट के तलाशी लेने की शक्ति भी इस फोर्स के पास होगी।