21 पिस्‍टल के साथ STF ने तस्‍करों को दबोचा, पुलिस का दो फर्जी आइकार्ड भी बरामद, बेचने के लिए MP से असलहे लाए थे लखनऊ

पिस्टल का जखीरा
बरामद पिस्टल का जखीरा व मैग्जी न।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। स्‍पेशल टास्‍क फोर्स (एसटीएफ) के हाथ शुक्रवार को एक बड़ी कामयाबी लगी है। एसटीएफ की टीम ने सरगना समेत दो असलहा तस्‍करों को चिनहट इलाके से गिरफ्तार करने के साथ ही उनके पास से 21 अवैध पिस्‍टलें व 42 मैग्‍जीन बरामद की है। एसटीएफ ने आजमगढ़ व मऊ निवासी तस्‍करों से पूछताछ करने के बाद उन्‍हें चिनहट पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस दोनों के मुकदमा दर्ज करते हुए देर रात तक आगे की कार्रवाई में जुटी थी।

पकड़े गए तस्‍करों के पास से एसटीएफ को पुलिस का दो फर्जी आइ कार्ड भी मिला है। इन कार्ड का इस्‍तेमाल तस्‍कर रास्‍तें में पुलिस से ही बचने व अन्‍य लोगों पर धौंस जमाने के लिए इस्‍तेमाल कर रहे थे।

एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार कुछ समय पहले असलहा तस्‍करों के सक्रिय होने की जानकारी एसटीएफ को मिली थी। जिसके बाद आइजी एसटीएफ के निर्देश पर एसएसपी एसटीएफ ने टीम गठित करते हुए तस्‍करों को दबोचने के लिए लगाया था।

यह भी पढ़ें- प्रा‍थमिक विद्यालय में पढ़ा रहे फर्जी शिक्षक को STF ने किया गिरफ्तार, एक लाख देकर पायी थी नौकरी, ऐसा खुला मामला

छानबीन के दौरान आज एसटीएफ के मुख्य आरक्षी संतोष सिंह को मुखबिर से सूचना मिली थी कि असलहा तस्करी करने वाले गिरोह का सरगना खुद एक सदस्य के साथ मध्य प्रदेश के खंडवा जनपद से अवैध असलहा की खेप लेकर कामता तिराहा के पास आने वाला है। सूचना के बाद एसआइ विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित कर मुखबिर द्वारा बताये स्थान के पास घेराबंदी कर दो युवकों को .32 बोर की 21 पिस्‍टल व 42 मैग्‍जीन के साथ धर दबोचा गया।

पूछताछ में तस्‍करों में से आजमगढ़ के थाना जीयनपुर क्षेत्र निवासी अमरेश सिंह ने एसटीएफ के सामनने खुद को असलहा तस्‍करी गैंग का सरगना होने की बात कबूली। वहीं पकड़़े गए उसके साथी की पहचान मऊ जिले के रानीपुर इलाके के निवासी प्रिंस कुमार सिंह के रूप में हुई।

महीने में 50-60 पिस्‍टल की सप्‍लाई, एक पर 15 से 18 हजार की कमाई

सरगना ने एसटीएफ ने बताया को वह लोग हर महीने 50 से 60 पिस्टलें तैयार कराकर बिक्री कर देता है। एक पिस्टल बनाने का कुल खर्च लगभग दस हजार का आता है, जिसे विभिन्न राज्यों में सीधे खरीददार को 28 से 30 हजार रूपये में एवं बिचैलियों को 25 हजार रूपये में बेचते है। इस तरह यह लोग एक पिस्टल पर 15 से 18 हजार की कमाई कर लेते हैं।

पिस्टल का जखीरा

पकड़े गए आरोपितों ने एसटीएफ को यह भी बताया कि वह लोग एमपी जनपद खरगोन व खंडवा में अवैध पिस्टल का निर्माण कराकर यूपी के विभिन्न जनपदों में बिक्री करने का बड़ा नेटवर्क चलाते हैं। बरामद पिस्‍टल भी एमपी से ही लखनऊ व अन्‍य जिलों में बेचने के लिए लाई गयी थी।

यह भी पढ़ें- UPTET2019 की परीक्षा में प्रधानाचार्य ही चला रहा था सॉल्‍वर गैंग, डेढ़-डेढ़़ लाख में 50 परीक्षार्थियों से लिया था ठेका, STF ने पांच को दबोचा