आरयू ब्यूरो, लखनऊ। गोवंश को बचाने के लिए योगी सरकार पूरी कोशिश में लगी है। अब इसी क्रम में सरकार ने उत्तर प्रदेश की सभी गायों समेंत अन्य गोवंश की ईयर टैगिंग कराने पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत सभी गोवंश को 12 अंकों का यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर दिया जा रहा। यह एक तरह से पशु का आधार कार्ड है। इसमें उनसे जुड़ी सभी जानकारियां होंगी। ईयर टैगिंग के लिए पशुपालकों से कोई फीस नहीं ली जा रही। खास बात यह भी है कि इस 12 अंकों के यूआईडी से देश में कहीं से भी एक क्लिक कर पशु व इसके मालिक का पूरा ब्योरा देखा जा सकेगा।
इस बारे में सोमवार को प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार ने मीडिया को बताया है कि टीका लगाते समय पशु की ईयर टैगिंग अनिवार्य कर दी गयी है। चिप लगे पीले कार्ड को पशु के कान में टैग किया जा रहा है। 31 मार्च 2021 तक यूपी में रहने वाले सभी भैंस व गाय समेत सभी गोवंश की ईयर टैगिंग करने का लक्ष्य रखा गया है।
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टैगिंग कार्ड में पशु की उम्र, लोकेशन, प्रजाति, ब्रीडिंग व टीकाकरण की स्थिति, दूध की मात्रा, कद-काठी, पशुपालक का नाम, आधार व फोन नंबर समेत अन्य जानकारियां दर्ज की गयीं हैं।
वहीं पशुपालक को दिए जाने वाले हेल्थ कार्ड पर यूआईडी नंबर पड़ा है। ईयर टैगिंग से जहां गोवंश की सुरक्षा हो सकेगी, वहीं किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। अपने गोवंशों को निराश्रित छोड़ने वालों की भी इसके जरिए पहचान कर उन पर भी कार्रवाई की जा सकेगी।
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वहीं ईयर टैगिंग का उद्देश्य खास तौर पर गोवंश की नस्ल व दूध उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है। इससे गोवंश के अवैध परिवहन पर अंकुश भी लगेगा और गुम हुए गोवंशों को ढूंढने में आसानी होगी। टीकाकरण के बाद दिए जाने वाले कार्ड पर पशु का यूआईडी दर्ज किया जा रहा है। इससे पशुओं की बीमारियों की रोकथाम में भी मदद मिलेगी।