आरयू ब्यूरो
लखनऊ। इलाज की जगह भ्रष्टाचार और लापरवाही का केन्द्र बन चुके स्वास्थ्य केंद्रों पर अब लगाम कसने के लिए योगी सरकार ने नई रणनीति बनाई है। आज प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक केन्द्रों के आकस्मिक निरीक्षण के निर्देश जिलाधिकारियों को दिया। निरीक्षण के दौरान गड़बड़ी मिलने पर कठोर कार्रवाई करने की बात भी स्वास्थ्य मंत्री ने कही।
यह भी पढ़े- योगी सरकार की पारदर्शिता का सबूत है विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण: भाजपा
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को मुख्य सर्तकता अधिकारी जल्द नियुक्त करने के निर्देश दिये।
जनपथ स्थित स्वास्थ्य भवन के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में सिर्द्धानाथ सिंह ने कहा अस्पतालों में डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ अन्य कर्मियों के गायब रहने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सबकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए।
साथ ही मण्डलीय अपर निदेशकों को पुरूष एवं महिला डाक्टर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए रोस्टर बनाने की बात कही। साथ ही प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमैट्रिक एटेंडेंस का कड़ाई से पालन कराने का कहा।
वहीं दिगामी बुखार से प्रभावित 38 जिलों में ब्लड बैंकों को तत्काल सुचारू रूप से संचालन तत्काल कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में ब्लड बैंक सेन्टरों की निगरानी के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने के कार्य को जल्द पूरा करने, इन सेन्टरों पर धन उगाही तथा लापरवाही मिलने पर जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में डिजिटलाइजेशन के कार्य को जल्द पूरा किये जाने के निर्देश भी दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरूण कुमार सिन्हा, सचिव वी. हेकाली झिामोमी, आलोक कुमार तथा महानिदेशक पद्माकर सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।