आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग में फर्जी टेंडर घोटाले के आरोपित भगोड़े आइपीएस अरविंद सेन यादव ने बुधवार को एंटी करप्शन कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। दरअसल सोमवार को अरविंद सेन के वकील ने कोर्ट को सरेंडर करने का मौखिक आश्वासन दिया था। कोर्ट में सरेंडर के बाद अरविंद सेन यादव को कोर्ट ने नौ फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
गौरतलब है कि पशुधन विभाग के फर्जी टेंडर घोटाला मामले में धमका कर वसूली का आरोप अरविंद सेन पर लगा है। मामले में एफआइआर दर्ज होने के बाद से ही अरविंद सेन फरार चल रहे थे। पुलिस ने उनके ऊपर पहले 25 हजार का इनाम घोषित किया था, जिसके बाद इनाम की राशि बढाकर 50 हजार कर दी गई। अरविंद सेन के घर पर कुर्की जब्ती की नोटिस चिपकाई गई, डुगडुगी भी बजवाई गई, लेकिन सेन को पकड़ने में पुलिस नाकाम साबित हुई।
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सोमवार को सीबीसीआइडी के तत्कालीन एसपी और वर्तमान डीआइजी अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। दरअसल गिरफ्तारी के डर से अरविंद सेन काफी दिनों से फरार चल रहे हैं। पुलिस ने लखनऊ और उनके पैतृक आवास अयोध्या में डुगडुगी पिटवा कर उन्हें फरार घोषित किया था।
ये था पूरा मामला
पशुपालन विभाग में आपूर्ति के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपियों को बचाने के लिए 35 लाख रुपये लेने के आरोप हैं। इस मामले में हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था, हालांकि लगातार फरार चलने की वजह से उन्हें भगोड़ा घोषित करते हुए पुलिस कुर्की की कार्रवाई में जुटी थी।