आरयू वेब टीम। मेड इन इंडिया के तहत विकसित की गई एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ‘ध्रुवास्त्र’ का ट्रायल शुक्रवार को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, जिससे भारतीय सेना की ताकत और भी बढ़ गई है। ये ट्रायल पश्चिमी रेगिस्तान में सशस्त्र बलों के उपयोगकर्ता समूह के साथ पूरा हुआ है और अब मिसाइल सेना में शामिल होने के लिए तैयार है।
रक्षा अनुसंधान और विकास परिषद ने हेलिना मिसाइल के परीक्षण की एक वीडियो शेयर की है। डीआरडीओ की मानें तो हेलिना की टेस्टिंग के लिए उन्हें एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया गया था। हेलिना की ताकत का अंदाजा लगाने के लिए इसे सात किलोमीटर के न्यूनतम और अधिकतम रेंज में टेस्ट किया गया। हेलिना की शक्ति का आंकलन करने के लिए एक पुराने टैंक को इसका लक्ष्य बनाया गया था। टेस्ट में हेलिना ने शानदार प्रदर्शन किया और टैंक को पलक झपकते तबाह कर दिया।
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रिपोर्ट के मुताबिक डीआरडीओ द्वारा निर्मित इस एंटी-टैंक मिसाइल की बीते पांच दिनों से टेस्टिंग चल रही है, जिसका आज आखिरी दिन था। डीआरडीओ ने हेलिना के बारे में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा, ”हेलिना (नाग पर आधारित हेलीकॉप्टर) एक तीसरी पीढ़ी की ‘दागो और भूल जाओ’ टैंक रोधी मिसाइल प्रणाली है, जिसे आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर पर स्थापित किया गया है।
ये प्रणाली, सभी मौसम में दिन और रात के समय सक्षम है तथा पारंपरिक कवच के साथ ही साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच के साथ युद्धक टैंकों को नष्ट कर सकती है। हेलिना मिसाइल सीधे हिट मोड के साथ ही साथ टॉप अटैक मोड दोनों में टार्गेट्स पर निशाना लगा सकती है। हेलिना हथियार प्रणाली को भारतीय सेना में शामिल किया जा रहा है। ध्रुवास्त्र नामक हेलिना हथियार प्रणाली के एक संस्करण को भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा रहा है।”