आरयू वेब टीम।
आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा में आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने लॉन्चपैड से एक और इतिहास रचा है। इसरो ने श्रीहरिकोटा से सुबह पांच बजकर 29 मिनट पर 30 सह-उपग्रहों के साथ कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रहों का प्रक्षेपण किया। लेटेस्ट रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट की लॉन्चिंग के बाद आतंकी कैंप और दुश्मन के बंकर्स को खोजने में भारत को अब और ज्यादा मदद मिलेगी।
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इस सीरीज में पहले लॉन्च किए गए सैटेलाइट का रिजोल्यूशन 0.8 मीटर था, जबकि तीसरे सेटेलाइट का रिजोल्यूशन 0.6 मीटर है। इसका अर्थ साफ है कि ये और ज्यादा छोटी वस्तु की तस्वीरें भी ले सकेगा। इससे आतंकियों के ठिकानों को आसानी से नष्ट करने में सहायता मिलेगी।
धरती के अवलोकन के लिये प्रक्षेपित किए गए 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2 श्रृंखला के इस उपग्रह के साथ करीब 243 किलोग्राम वजनी 30 अन्य सह उपग्रहों को भी एक साथ प्रक्षेपित किया गया। इस उपग्रह ने 505 किलोमीटर ध्रुवीय सूर्य स्थैतिक कक्षा (एसएसओ) में पहुंचने के लिये सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर उडा़न भरा।
पीएसएलवी-सी 38 के साथ भेजे गए इन सभी उपग्रहों का कुल वजन लगभग 955 किलोग्राम है। भेजे गए इन उपग्रहों में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेज गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, स्लोवाकिया, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों के 29 नैनो उपग्रह भी शामिल हैं।
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गौरतलब है कि गुरुवार को अंतरिक्ष एजेंसी ने मीडिया को बताया था कि एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (एंट्रिक्स), इसरो की व्यावसायिक शाखा और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के बीच व्यावसायिक व्यवस्थाओं के तहत 29 अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता नैनो उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जा रहा है।