आरयू वेब टीम। दिल्ली-एनसीआर में इस बार दिवाली जबरदस्त अंदाज में मनाई गई। बैन की परवाह किए बिना जमकर आतिशबाजी की गयी इसका नतीजा ये हुआ कि दिवाली की रात से ही दिल्ली की हवा दमघोंटू बन गई। दिल्ली में प्रदूषण विकराल रूप में पहुंच गया, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली की हवा का स्तर पहले से ही खराब बना हुआ था और पटाखों के धुएं ने इसे बेहद खराब हालत में पहुंचा दिया।
हालत ये थी कि देर रात दिल्ली के वातावरण में पटाखों का धुआ छा गया, विजिविलिटी बेहद कम हो गई। दिल्ली और एनसीआर में कई लोगों ने गले में खराश और आंखों से पानी आने की शिकायतें कीं। सबसे ज्यादा परेशानी का सामना बुजुर्गों, मरीजों और बच्चों को करना पड़ रहा है। दावा किया जा रहा है कि अगले दो दिनों में दिल्ली की हवा और खराब होगी और लोगों को और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
पूरी दिल्ली में एक्यूआइ 386 रिकॉर्ड किया गया, जबकि दिल्ली के जनपथ इलाके का आज सुबह का एक्यूआई 655 रहा जो कि बहुत गंभीर श्रेणी में है।
शहर- एक्यूआइ
दिल्ली- 386 (बहुत खराब)
मथुरा रोड- 430 (गंभीर)
पूसा- 376 (बहुत खराब)
आयानगर- 379 (बहुत खराब)
नोएडा- 448 (गंभीर)
गुरुग्राम- 389 (बहुत खराब)
पूरे दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 386 है जो बेहद खराब श्रेणी में है। दिल्ली के मथुरा रोड में एक्यूआइ 430 है जो गंभीर कैटगरी में है, पूसा रोड में एक्यूआइ 376 है जबकि आयानगर में एक्यूआइ 379 है जो बहुत खराब कैटगरी में हैं। दिल्ली से सटे नोएडा में 448 एक्यूआइ है जो बेहद गंभीर है, जबकि गुरुग्राम में एक्यूआइ 389 तक पहुंच गया है।
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गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दक्षिण दिल्ली के लाजपत नगर, उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी, पश्चिमी दिल्ली के पश्चिम विहार और पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में शाम सात बजे से पटाखे जलाए जाने के मामले सामने आए। वहीं, गुरुग्राम और फरीदाबाद में उच्च-तीव्रता के पटाखे जलाये गए।
हरियाणा सरकार ने भी दिल्ली से सटे क्षेत्रों समेत 14 जिलों में पटाखे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान जताया था कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, पराली जलाने, पटाखे जलाये जाने और अन्य स्थानीय कारकों के चलते मध्यरात्रि तक दिल्ली का एक्यूआइ”गंभीर” की श्रेणी के करीब पहुंच सकता है।